कोटा में इस साल भी स्टूडेंट सुसाइड के दुखद मामले सामने आए हैं. 2025 का साल अभी शुरू ही हुआ है और बीते 10 दिन में दो छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. 8 जनवरी की घटना में पुलिस ने छात्र के रूम से एक सुसाइड नोट बरामद किया है मध्य प्रदेश के गुना निवासी अभिषेक (18 वर्षीय) ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "मैं पढ़ाई नहीं कर पाया, दादा-दादी, पापा मुझे माफ कर देना." वह कोटा के विज्ञान नगर स्थित एक पीजी में रहकर जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा था.अभिषेक लोधा (18) गुना (एमपी) की तहसील बमोरी के लालचक गांव का रहने वाला था, वह कोटा के विज्ञान नगर इलाके के अंबेडकर नगर (डकनिया रेलवे स्टेशन के पास) के पीजी में रहता था, अभिषेक के पिता महेंद्र लोधा किसान हैं, वह इनका इकलौता बेटा था.महेंद्र ने बताया कि बेटे से 7 जनवरी को बात हुई थी, 8 जनवरी की शाम साढ़े सात बजे पीजी से फोन आया कि अभिषेक ने सुसाइड कर लिया है. अभिषेक के भाई ने कहा कि वह अपनी मर्जी से कोटा इंजीनियरिंग की तैयारी करने आया था. उसने खुद ही सुसाइड नोट में लिखा है कि वह पढ़ाई नहीं कर पाया, इसलिए यह कदम उठा रहा है. प्रशासन ने गाइडलाइन्स का पालन न करने पर उस पीजी पर सख्त एक्शन हुआ है जिसमें अभिषेक रहता था. रूम में हैंगिंग डिवाइस नहीं होने पर पीजी को सीज कर दिया है. एडीएम सिटी अनिल कुमार सिंघल के आदेश पर विज्ञान नगर थाना पुलिस ने क्षेत्र के अम्बेडकर नगर स्थित मकान नंबर सी 15 को सीज किया. प्रशासन ने एक दिन पहले हॉस्टल संचालकों और इससे जुड़े अन्य पक्षकारों की बैठक में भी यह बात साफ की थी सभी को गाइडलाइन फॉलो करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. एडीएम अनिल कुमार सिंघल ने हॉस्टल व पीजी संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा और अन्य नियमों का पालन सुनिश्चित करें.2025 में कोटा में अब तक दो सुसाइड के मामले सामने आए हैं. 7 जनवरी को जेईई एडवांस्ड की तैयारी करने आए हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी नीरज जाट ने हॉस्टल में सुसाइड किया था. 8 जनवरी को मध्य प्रदेश के अभिषेक लोधा के सुसाइड की घटना सामने आई. वहीं, 2024 में 19 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था और 2023 में 29 स्टूडेंट के आत्महत्या करने के मामले सामने आए थे. यह घटनाएं शिक्षा के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी को उजागर करती हैं. प्रशासन, संस्थान, और परिवारों को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि छात्रों को सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल मिल सके.
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