अमन न्यूज़
राजधानी गणेश चतुर्थी उत्सव के रंग में रंगा गया है। इस 10 दिव्य उत्सवों में से एक ने आश्रम के आश्रम में खुशियों की चमक ला दी है। राजधानी में होटलों और गोदामों में गणेश चतुर्थी के लिए डेको में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। वहीं राजधानी में सुपरमार्केट के भाई-बहन लाल बाग के राजा और दिल्ली के महाराजा की भी झलक देखने को मिलती है। इस संबंध में बद्री व लक्ष्मी नगर में बड़े स्तर पर गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। उद्यमों और घरों में शनिवार की सुबह गणपति की मूर्ति की स्थापना के साथ ही गणेश उत्सव का शुभारंभ होगा।
गणेश उत्सव की धूम मचाने वाली पार्टियों में देखने को मिल रही है। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, द्वारका, रोहिनी, पश्चिम विहार, मोती नगर, कीर्ति नगर आदि यूरोप में भव्य और आकर्षक आकर्षणों की सजावट की गई है। इन वास्तुओं में गणपति की जयजयकार को विशेष रूप से स्थापित किया गया है और शिष्यों के स्वागत के लिए भव्य स्वागत द्वार तैयार किये गये हैं। विशेष रूप से बुरी लड़की के नाबालिग की चर्चा पूरी दिल्ली में है। यहां लाल बाग के राजा के रूप में गणपति की मूर्ति को बहुत ही भव्य तरीके से प्रदर्शित किया गया है और इसे एक अनोखी थीम पर आधारित रूप में प्रस्तुत किया गया है। यहां पर एक खास आकर्षण लाल बाग के राजा की झलक देखने को मिलती है। इसी तरह लक्ष्मी नगर में दिल्ली के महाराजा की झलक भी भक्तों को आनंदित रहेगी।
गणेश उत्सव के पहले दिन से ही आदिवासियों की भारी भीड़ और मंदिरों में भीड़ होने की संभावना है। विशेष रूप से शाम के समय बड़ी संख्या में टैटू कलाकार। इसके पुराने उपकरणों में व्यवस्था बनाए रखना और सुरक्षा के अनुरूप बंदोबस्त किए गए हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर आदि स्थान पांडालों के पास पुलिस बल की व्यवस्था, कंपनी व्यवस्था और अन्य सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
गणेश उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। भजन संध्या, नृत्य, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों में केवल धार्मिक अनुभव ही नहीं बल्कि मनोरंजन का भी प्रमुख साधन शामिल है। इस कड़ी में बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, द्वारका, रोहिणी आदि स्थानों पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
राजधानी में रेस्तरांओं के घरों में भी गणेश उत्सव मनाया जाएगा। कारीगरों को गणपति के स्वागत के लिए विशेष रूप से गहनों में लगाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल, विद्युत साज-सज्जा और अन्य आकर्षक साज-सज्जा सामग्री से घर में रखा जाता है। गणपति की मूर्तियाँ विभिन्न आकारों और शास्त्रीय घरों में स्थापित की गईं। विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और पारंपरिक मिठाई, लोध आदि का भोग।
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