सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वंचित समाज से आने वाली महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी करने के लिए भाजपा विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज
अमन न्यूज़
भाजपा नेता के समर्थक सुप्रीमो बसपा नेता टिपणी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा नेता पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के एक भाजपा नेता द्वारा उत्तर प्रदेश की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री के प्रति कहे गए अभद्र शब्द का नारा है कि भाजपाइयों के मन में महिलाएं और परंपरा से जुड़े सिद्धांत-शोषित समाज से आने वालों की प्रति कितनी कटुता भरी है।
राजनीति में प्रतिष्ठा अपनी जगह होती है लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री ने बेइज्जती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाया गया है कि वो सबसे घटिया मुख्यमंत्री हैं, बेहद घटिया हैं। बीजेपी के नेता के ऊपर, सार्वजनिक रूप से दिए गए इस आवेदन के लिए मैनहानी का मुक़दमा होना चाहिए।
भाजपा ऐसे नाम को प्रश्रय देने वाली महिलाओं के मान-सम्मान को गहराई तक पहुंचा रही है। अगर इन लोगों के खिलाफ बीजेपी तत्काल निर्देशात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक नेता का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी बीजेपी का है।
एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी नेता चौधरी ने कहा था कि राजेश को पहली बार बताएं कि बीजेपी का समर्थन से ही मुख्यमंत्री बने हैं। हमने उन्हें बनाया था। ये हमारी ग़लती थी। आगे उन्होंने कहा कि वो प्रदेश के अब तक के सबसे घटिया मुख्यमंत्री रहे हैं। इस पर अखिलेश यादव ने सबसे बड़ी चाहत रखी है।
इस पर आशुतोष ने एक्स पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अखिलेश यादव की प्रतिद्वंद्विता है। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया ने मथुरा के एक भाजपा नेता को उनके गलत समर्थकों के जवाब के बारे में बताया कि पार्टी प्रमुखों की ईमानदारी के बारे में सच्चाई बताई गई है, वह पार्टी में बने हुए हैं। पार्टी को बीजेपी के इस नेता के बारे में ऐसा लग रहा है कि अब बीजेपी में उनकी कोई पूछ नहीं है. इसलिए वह प्रमुखों के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी में शामिल होना चाहता है, जो कि निजीकरण है। भाजपा ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की। यदि वह मानसिक रूप से बीमार है तो उसका इलाज भी अवश्य कराएं। अन्यथा इसके पीछे बीजेपी का कोई षडयंत्र है, यह कहना भी गलत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा अपने नेताओं के खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर जवाब देने वाली पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उसकी जमानत जब्त कर लेंगे और वर्तमान में होने वाले 10 ग्रामों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।
निकोलस यादव के समर्थकों में शामिल होने और समाजवादी प्रमुखों के प्रतिनिधि गठबंधन में शामिल होने और भविष्य की राजनीति से भी जुड़े हुए हैं।
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