(अमन न्यूज़)
देश में आज से लागू हुए नए आपराधिक कानून पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद भवन के परिसर में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 77 वर्षों के बाद आपराधिक न्याय प्रणाली अब पूरी तरह से स्वदेशी हो चुका है। ये कानून जब आज से हर राष्ट्र में अपना काम करना शुरू करेंगे, तब अंग्रेजों के बनाए हुए कानून मिटा दिए जाएंगे और भारत की संसद में बनाए गए कानून आएंगे। गृह मंत्री ने बताया कि छह धाराओं को हटाकर दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं। उन्होंने इस नए कानून को नया नजरिया बताया। अमित शाह ने कहा कि सही मायने में न्याय व्यवस्था का निर्माण हुआ।
गृह मंत्री ने बताया कि नई आपराधिक व्यवस्था में अब दंड की जगह न्याय लगेगा। उन्होंने कहा, "देरी की जगह शीघ्र परीक्षण और शीघ्र न्याय मिलेगा और पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा की गई थी, अब शिकायतकर्ता और शिकायतकर्ता के अधिकारों की रक्षा होगी। इस नए न्यायधीश के साथ ये तीनों कानून देश में लागू हुए हैं।"
अमित शाह ने कहा कि परस्त्रोह की जगह देशद्रोह किया गया है। उन्होंने आगे कहा, "राजद्रोह एक ऐसा कानून था, जिसे अंग्रेजों ने अपने शासन की रक्षा के लिए बनाया था। महात्मा गांधी, तिलक महाराज, सरदार पटेल इन सभी ने इसी कानून के तहत छह-छह साल की सजा काटी थी। इसी कानून के केसरी पर प्रतिबंध लगाया गया था।"
उन्होंने कहा, "नए दृष्टिकोण के साथ ये तीनों कानून आधी रात से लागू हो चुके हैं। अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता है। दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम है।"
नए कानून को लेकर अमित शाह ने बदलाव करना आसाना किया। उन्होंने बताया कि संहिता को लेकर कुछ प्रेस मित्र अलग-अलग बातें मीडिया के सामने रख रहे हैं कि अभी प्रशिक्षण नहीं हुई है, चर्चा नहीं हुई है। शाह ने कहा, "लोकसभा में नौ घंटे 34 मिनट चर्चा हुई, 34 सदस्य हिस्सा लिए। राज्यसभा में सात घंटे 10 मिनट चर्चा हुई, 40 सदस्य हिस्सा लिए।"
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