सीएम योगी ने किया मेधावियों का सम्मान, बोले- खूब परिश्रम करें... अनुशासित रहें?

(अमन न्यूज़ ) अमर उजाला की ओर से लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम मेधावी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेधावियों को सम्मानित किया और सभी को खूब परिश्रम करने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के मार्ग में कठिनाइयां आती हैं। इनसे बिल्कुल न घबराएं। यदि हमारे मार्ग में बाधाएं नहीं हैं तो मानिए कि हम गलत रास्ते पर हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता का एक मात्र फार्मूला कठिन परिश्रम है लेकिन परिश्रम भी सही दिशा में होना चाहिए। जैसे किसान जब समय से खाद और पानी देता है तभी अच्छी फसल होती है। वैसे ही विद्यार्थियों को करना चाहिए। सरकार ने आपकी सुविधा के लिए अनेक प्रयास प्रारंभ किए हैं। सरकारी स्कूलों में सरकार अच्छे शिक्षक दे रही है। प्राजेक्ट अलंकार के तहत सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। हमने अभ्युदय कोचिंग प्रारंभ की है। छात्रों को चाहिए लक्ष्य तय करें। अपने टीचरों से अपनी बात कहने में संकोच ना करें। आज शिक्षा को लेकर अच्छा माहौल है। समाज का हर तबका आपके साथ खड़ा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति दुनिया में भारत को विश्व गुरू के रूप में स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस सम्मान समारोह को एक चुनौती के रूप में लें। आज आपका जो सम्मान किया गया है उससे और आगे कैसे किया जा सकता है। पिछले एक से दो वर्ष के अंदर जो आपने प्रयास किया वह कितना सार्थक हुआ। सीएम ने कहा कि तनाव को अपने बीच में ना आने दें। अपने स्वयं के जीवन में निश्चित दिनचर्या को अपनाएं। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। हर काम समय से करें। दिन और रात को समय में बांटकर काम करें। आपकी समयबद्वता आपको अनुशासित करेंगी। उन्होंने कहा कि जरूरत आप पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाने की कोशिश करनी चाहिए। आयोजन में विद्यार्थियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछे, जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया: कृष्णा तिवारी- राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की कृष्णा तिवारी ने सवाल पूछा कि कई बार हम परीक्षाओं को लेकर तनाव में आ जाते हैं? आप अपने तनाव से कैसे उभरते हैं? सीएम - आपने बहुत अच्छा प्रश्न किया है। मैं सबसे पहले अमर उजाला परिवार को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रदेश भर के सभी छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई देता हूं। यहां छात्राएं ज्यादा हैं और छात्र कम। मैं एक कार्यक्रम में और था वहां भी देख रहा था कि बालिकाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मेरिट सूची दिखाती है कि बालिकाएं तनाव में कम रहती हैं। वह मेहनत ज्यादा करती हैं। जीवन में इस बात को ध्यान में रखना होगा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। मेहनत करने पर परिणाम जरूर आएगा तब हमें आकलन करने का अवसर भी मिलेगा। यदि किसी कार्य में बाधा नहीं है तो मानकर चलिए कि आपकी दिशा सही नहीं है। बोर्ड की तैयारियों के संबंध में कॉलम प्रकाशित होते हैं। अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉलम निकालने की बात कही। युवाओं के लिए एक पेज अलग से दिखना चाहिए। हर छात्र-छात्रा को पीएम मोदी की एग्जाम वारियर पढ़ना चाहिए। सोनम पाठक- बाबूराम सावित्री देवी सीतापुर की छात्रा ने सवाल किया कि आपने जब सन्यास लिया तो आपके माता-पिता की प्रतिक्रिया क्या थी? सीएम- यह एक चुनौती थी। मैंने अपनी मां से नहीं बताया था लेकिन पिता से बताया तो भड़क गए थे। मुझे चुपचाप घर से निकलना पड़ा था। जिसे हम मृत्यु कहते हैं वह जीवन भी है। जिसे असफलता कहते हैं वह सफलता का मार्ग भी खोलता है। हर अभिभावक की इच्छा होती है कि उसका बच्चा योग्य बने। अलग-अलग फील्ड में तरक्की करे। मेरा मानना है कि हर अभिभावक की यही धारणा होनी चाहिए कि उसका पुत्र एक अच्छा इंसान बना जाए। वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना सीख जाए उस दिन उसका मुकाम सबसे ऊपर हो जाएगा। हमारे शिक्षकों और अभिभावकों को यह देखना चाहिए कि अच्छा इंसान कैसे बने। ईशान पचौरी- आगरा से ईशा ने पूछा कि यदि कोई छात्र अपना कैरियर पॉलिटिक्स में बनाना चाहे तो उसके लिए जरूरी बात क्या है? सीएम- देश में पांच हजार साल से राजनीति हो रही है। भगवान कृष्ण से बढ़कर इस क्षेत्र में पारंगत अवतारी पुरूष कौन हुआ है। आप अपनी फील्ड में मेहनत कीजिए। राजनीति में अलग-अलग क्षेत्र से लोगों को आना चाहिए अच्छे शिक्षक, किसान, वकील, पत्रकार सब राजनीति में आएं तो वह बेहतर होगा। जाति और धर्म के नाम पर होने वाली राजनीति देश को कमजोर करने का काम करती है। युवाओं से मैं यही कहूंगा कि आप अपने फील्ड में अच्छे बनिए राजनीति खुद ही आपकी पीछे आ जाएगी। हम ऐसा कार्य करें कि पद हमारे पीछे आए। सांभवी द्विवेदी- सिटी मांटेसरी स्कूल लखनऊ की छात्रा ने पूछा कि जब आप हमारी उम्र में थे तब अपना करियर किस तरफ बनाना चाहते थे? सीएम- मुझे भी लगता था कि मुझे एक अच्छा इंजीनियर बनना चाहिए। एक अच्छा इंसान बनकर लोगों से साथ खड़ा हुआ जाए तो वह अच्छा है। जब शुरू में सन्यास लिया तो लोग मुझे कोसते थे। बाद में मुझे लगा कि मेरा मार्ग बिल्कुल सही है। भौतिक उपलब्धि कभी भी आपको संतुष्ट नहीं कर सकती। मैंने सन्यास का मार्ग लिया। यह प्लान का मार्ग है। हम आज भी 16 से 18 घंटे मेहनत करते हैं ताकि हम देश को कुछ दे सकें। इशिका गुप्ता- सरस्वती ज्ञान मंदिर जालौन की इशिका ने पूछा कि यहां के नागरिकों को विकसित बनाने के लिए क्या करना चाहिए? सीएम - हमने एक जनपद एक उत्पाद की पंरपरा शुरु की है। मेरिट में जो आप स्थान प्राप्त कर रहे हैं यह आपका परिश्रम है लेकिन इसके पीछे एक टीम का योगदान है। जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर आपके साथ जुडे हैं। देश को विकासशील से विकसित देश बनाने के लिए एकता के साथ प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना होगा। रोजागार का सृजन करना होगा। भारत लगातार विकास कर रहा है। जिस इंग्लैंड ने भारत पर शासन किया उसकी आजादी के मात्र 75 सालों में भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गई है। 2047 आते-आते भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

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