दक्षिणी दिल्ली सीट से जीते तीन सांसद बने मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल भी हुए

(अमन न्यूज़) दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बनने वाले नेताओं का सियासी कॅरिअर बेहतर हुआ। इनमें से तीन सांसद मुख्यमंत्री बने, जबकि कई नेताओं ने केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के पद की भी जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 1967 के चौथे आम चुनाव से अस्तित्व में आई दक्षिणी दिल्ली सीट से पहला प्रतिनिधि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक व भारतीय जन संघ के एक संस्थापक सदस्य रहे प्रोफेसर बलराज मधोक को चुना गया। वर्ष 1977 में विजय कुमार मल्होत्रा ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। 

 भाजपा के दिग्गज नेता मल्होत्रा 1967 में दिल्ली महानगर परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद भी रहे। उस वक्त यह पद मुख्यमंत्री के समकक्ष था। वर्ष 1980 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) की टिकट पर चुनाव जीतकर आए चरणजीत सिंह 14वीं लोकसभा में उपसभापति चुने गए। वहीं, 1985 में ललित माकन की मौत के बाद खाली हुई इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर अर्जुन सिंह सांसद बने।



वे दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। साथ ही पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री बने। वर्ष 1989 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर दो बार सांसद बने मदन लाल खुराना को साल 1993 में दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री और राजस्थान का गवर्नर बनने का मौका मिला। साल 1996 में भाजपा की टिकट पर सांसद बनी सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं। साथ ही, नरेंद्र मोदी की सरकार में विदेश मंत्री रहीं। जवाहरलाल नेहरू के बाद विदेश मंत्री के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली वह पहली विदेश मंत्री भी बनीं। इसके अलावा वह 1977 में महज 25 साल की उम्र हरियाणा की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं।

दिल्ली में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के गठबंधन में यह सीट आप के खाते में आई है। पार्टी ने मौजूदा विधायक सहीराम को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने दांव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी पर लगाया है। गुर्जर समाज में आने वाले दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा।

सांसद विजय कुमार मल्होत्रा इस सीट से सबसे ज्यादा तीन बार सांसद चुने गए। दो बार उन्होंने दूसरी लोकसभाओं का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1999 के चुनाव में मल्होत्रा ने बाद में प्रधानमंत्री बने मनमोहन सिंह को करारी शिकस्त दी थी। 

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