पुलिस ने दिल्ली और पंजाब में छापे मारकर पांच महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया

(अमन न्यूज़ ) रोहनी जिले के सोमनाथपुर थाना पुलिस ने नवजात की खरीद-फरोख्त करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने दिल्ली और पंजाब में पांच महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक ही परिवार की मां-बेटी समेत तीन महिलाएं शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान देवकी (56), बेटा पीयूष अग्रवाल (30), बेटी प्रिया (26), पंजाब पूजा (36), सिमरनजीत कौर (36), झोलाछाप बिंदर कौर (42) राजदरब (37) और रमन (36) के रूप में हुई है. पुलिस ने करीब 10 से 15 दिन पहले एक नवजात बच्ची को बरामद किया है। फादर ने पंजाब के फ्रीसर से 50 हजार रुपये में खरीदी थी बच्ची। बच्ची को 12 से 15 लाख रुपए की कीमत चुकानी पड़ी। गिरोह की बच्ची ग्राहक की तलाश में थी। पुलिस दो अन्य दुकानदारों की खोज दिल्ली और पंजाब में सूम दे रही है। 



मुख्य मुअम्मत म्बाट सिंह पंजाब के अलावा उत्तर-भारत के अन्य राज्यों से बच्चों की खरीदकर्त्ता लोगों को बेचा गया था। गैंग के कई बच्चों को दिल्ली- मुस्लिमों के लोगों से मुंहमांगे तेयार में बेचा गया है, पुलिस बोट के अलावा पंजाब के रहने वाले पम्मा की तलाश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में जल्द ही कई और गिरफ्तारियां शामिल होंगी।

रोहनी जिला पुलिस प्रयोगशाला डॉ. गुरिकबाल सिंह वकील ने बताया कि 20 फरवरी को सोमनाथपुर इलाके से एक लाइसेंस कॉल मिली थी। कॉल करने वाले ने बताया था कि जैन नगर इलाके में कुछ लोग बच्चों की खरीद-फरोख्त करने के लिए प्लास्टिक की गोलियां बना रहे हैं। सूचना के बाद पुलिस की टीम ने जैन नगर के एक मकान में छापा मारा। पुलिस को मकान में देवकी और उसकी बेटी प्रिया मिली। इनके पास एक नवजात बच्ची थी। पूछताछ में दोनों बच्ची के बार में जवाबी जवाब नहीं मिला। सटिक से प्रोटोटाइप पर देवकी ने बताया कि वह बच्ची के बेटे पीयूष और म्बोबेट सिंह के जरिए पंजाब से है। एसोसिएशन के प्रभारी राजीव रंजन, असांचेय निमेश, रश्मि और अन्य की टीम बनाई गई। टीम ने पंजाब में सबसे पहले पीयूष को गिरफ्तार किया। इसके बाद पूजा और रमन, सिमरनजीत कौर और रेजिडेंट बाउर को बाद में दाई का काम करने वाली झोलाछाप बिंदर कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। 

मतलपुर थाना पुलिस ने नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले जिस गिरोह का खुलासा किया है, उसने 500 से अधिक बच्चों का सौदा किया है। पुलिस के दस्तावेज़ों के अनुसार गिरफ़्तार महिला देवकी और प्रिया के घर से पुलिस को एक डायरी बरामद हुई है। 

पुलिस डायरी के आधार पर मामले की जांच में पूछताछ की गई है। गैंग के किंगपिनबेट सिंह ने मां-बेटी को किराए का घर लेकर दिया था। बच्चे के गायब होने के बाद दोनों को तलाक दे दिया गया। अंतिम मुलाकात तक देवकी और प्रिया ही बच्चे की देखभाल करते थे। देवकी के खिलाफ़ में भी इसी तरह का एक मामला सबसे पहले दर्ज हुआ है। मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि किम्बत सिंह का नेटवर्क उत्तर भारत के कई राज्यों में फैला हुआ है। गैंग के लोग बच्चे की उसे जानकारी देते थे। बाद में उन्होंने दिल्ली के सहकारी देवकी और प्रिया को बचपन दिया। 

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