(अमन न्यूज़ ) दिल्ली दंगे में दुकान जलाने और घर में जबरन घुसने के मामले में बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए 10 लोगों को बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि इन पर लगे आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। किसी पर शक के आधार पर आरोप साबित नहीं किए जा सकते।
कोर्ट ने कहा कि तीन प्रमुख गवाह शिकायतकर्ता, उनका बेटा और उनका भतीजा आरोपितों की पहचान करने में अभियोजन पक्ष की मदद नहीं कर पाए। इन तीनों द्वारा की गई गड़बड़ी भ्रम की या फिर सोच-समझकर बयान देने के कारण हो सकती है। इसके अलावा गवाही देने वाले एक पुलिसकर्मी ने कुछ आरोपितों की पहचान करने के संबंध में बार-बार रुख बदला। यह रवैया कथित घटना के दौरान भीड़ में किसी भी आरोपित को देखने के उनके दावे पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अलग-अलग समय पर एक ही आरोपित की पहचान में बार-बार टाल-मटोल होने से लगता है कि इस मामले में आरोपितों को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए।
जगदीश प्रसाद नामक व्यक्ति ने लगाई थी आग
गोकलपुरी थाना क्षेत्र में 25 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने जगदीश प्रसाद नामक व्यक्ति की भागीरथी विहार मेन ब्रजपुरी रोड गली नंबर-छह स्थित आटो पार्ट्स की दुकान में आग लगा दी थी। पीड़ित ने पुलिस को शिकायत में बताया था कि आग सुबह 11 बजे करीब लगाई गई थी। इस मामले में जबरन घर में घुसने, लूटपाट करने समेत कई घटनाओं की पांच अन्य शिकायतें जोड़ी गई थीं।
इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों ने आरोपितों की पहचान की थी। इस केस में आरोपित शिव विहार निवासी मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, बाबू नगर निवासी मोहम्मद शेाएब उर्फ छुटवा, मोहम्मद फैसल, शाहरुख, चमन पार्क निवासी राशिद, अशरफ गली, मुस्तफाबाद निवासी आजाद, करावल नगर निवासी परवेज, शक्ति विहार निवासी राशिद उर्फ मोनू और ओल्ड मुस्तफाबाद निवासी मोहम्मद ताहिर पर आरोप तय हुए थे। इसमें पुलिसकर्मियों के अलावा शिकायतकर्ता, उसके बेटे, भतीजे समेत 21 लोगों की गवाही हुई।
ट्रायल के दौरान तीन आरोपितों की ओर से अधिवक्ता जेड बाबर चौहान ने दलील दी कि गवाह आरोपितों की पहचान के संबंध में अभियोजन की मदद नहीं कर रहे। एक पुलिसकर्मी द्वारा आरोपित की पहचान को लेकर विरोधाभास की ओर इशारा किया। अन्य आरोपितों की ओर से अधिवक्ता सलीम मलिक और अब्दुल गफ्फार ने भी कई संदेह जताए। अभियोजन पक्ष ने कई तथ्य रखे। सभी को देखने और सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपितों को बरी कर दिया।

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