कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या, इंडिया की वांटेड लिस्ट में था शामिल.
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उसे भारत सरकार ने हाल ही में आतंकी घोषित किया था. एनआईए ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
( अमन न्यूज़ )
नाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसे भारत सरकार ने डेजिग्नेटेड आतंकी घोषित किया था. हाल ही में भारत सरकार ने 41 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें हरदीप निज्जर का नाम शामिल था.जानकारी के मुताबिक, हरदीप निज्जर को कनाडा के Surrey में गोली मारी गई, जिसके बाद उसकी मौत हुई है. वह कनाडा के सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा हुआ था . वह पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला था. फिलहाल भारतीय जांच एजेंसियां कनाडा की जांच एजेंसियों से इस वारदात के बारे में जानकारी जुटा रही हैं.
भारतीय एजेंसियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण था निज्जर?
खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, वह पिछले कई सालों से कनाडा रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.कुछ दिनों पहले ही भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. निज्जर के दो सहयोगियों को फिलीपींस और मलेशिया से कुछ महीनों पहले गिरफ्तार किया गया था.
पुजारी की हत्या का भी आरोप
इससे पहले साल 2022 में पंजाब के जालंधर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. एनआईए के मुताबिक, पुजारी की हत्या की साजिश खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) ने रची थी. कनाडा में रहने वाला निज्जर KTF का प्रमुख था.
NIA की FIR में भी निज्जर का नाम
भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उसी दौरान विदेशों में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने प्रदर्शन किया था. इस मामले में एनआईए ने भारत सरकार के खिलाफ भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.
इस एफआईआर के मुताबिक, भारत सरकार के खिलाफ जमीनी अभियानों और दुष्प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन जमा किया गया है, जिसका मकसद लोगों को विदेश में भारतीय दूतावासों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसाना शामिल था. इसमें तीन आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के नाम शामिल था, जबकि चौथे कॉलम में भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले अज्ञात आतंकवादियों को शामिल किया गया.
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