(अमन न्यूज)चुनावी साल में होने जा रहे नए संसद भवन के उद्घाटन पर सरकार और विपक्ष के बीच तलवारें तनी हुई हैं. रविवार 28 मई को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं. इसे लेकर राजनीति भी जोर पकड़ चुकी है. गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इस समारोह का बहिष्कार करने वाली कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे ओछी राजनीति कर रही हैं. इस बीच ऐसी कई पार्टियां इस समारोह में हिस्सा लेने का फैसला कर चुकी हैं, जो अमूमन बीजेपी के साथ नजर नहीं आतीं. इनमें बीएसपी और जेडीएस भी शामिल हैं. चुकी बीजेपी के कुछ बिछड़े दोस्त भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहाने साथ दिख रहे हैं.
चूंकि लोकतंत्र में संख्या बल की ही बात होती है. लिहाजा देख लेते हैं कि रविवार को होने वाले समारोह के लिए पक्ष विपक्ष की ताकत कितनी है. अभी तक के आंकड़ों के अनुसार, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के समर्थन में- 25 दल हैं. जबकि 20 दलों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है.सबसे पहले नजर डालते हैं उन दलों पर जो रविवार के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इनकी संख्या 25 है. इनमें एनडीए में शामिल 18 दलों के साथ ही 7 गैर एनडीए दल भी हैं. विपक्ष के 20 पार्टियों का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है. वहीं, बीजेपी समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी. नए संसद भवन में 28 मई यानी रविवार सुबह हवन के साथ पूजा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे भवन का उद्घाटन करेंगे. इस मौके पर संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले श्रमयोगियों का सम्मान भी किया जाएगा.
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