30 परसेंट से ज्यादा सस्ता हो चुका है कच्चा तेल, फिर क्यों नहीं घट रही पेट्रोल-डीजल कीमत!

 [अमन न्यूज़ ]  रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत (Crude oil price) में उबाल आ गया था। यह 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। 2008 के बाद यह इसका उच्चतम स्तर था। लेकिन पिछले हफ्ते इसकी कीमत गिरकर 90 डॉलर से नीचे आ गई। कमजोर मांग और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से तेल की कीमत में गिरावट आई है। लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में पांच महीने से कोई बदलाव नहीं आया है। जानकारों का कहना है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को अब भी डीजल पर प्रति लीटर आठ रुपये का नुकसान हो रहा है।



रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद कई पश्चिमी देशों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया था। इससे भारतीय कंपनियों को रूस से सस्ती कीमत पर तेल मिला। इस तरह रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर बन गया। भारत भी चीन के बाद रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया। हालांकि जून के बाद रूस से तेल के आयात में लगातार गिरावट आ रही है। तीन महीने के अंतराल के बाद अगस्त में सऊदी अरब एक बार भारत का दूसरा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर बन गया।

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