'अग्निपथ योजना' का विरोध कर रहे युवाओं के समर्थन में उतरे दिल्ली के CM केजरीवाल

(अमन न्यूज़) आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के CM अरविन्द केजरीवाल नेट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ''केंद्र सरकार से मेरी अपील है कि युवाओं को चार साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में कोई भी भर्ती न होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए.' उन्होंने अपने ट्वीट में आगे ये भी लिखा कि युवा 'नाराज़' हैं और देश में हर तरफ अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. सरकार की इस घोषणा के बाद से खासकर बिहार में सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के बीच रोष व्याप्त है.


अरविन्द केजरीवाल ने गुरूवार को केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं बल्कि ताउम्र देश की सेवा करने का मौका दिया जाए. केंद्र सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मौलिक परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भारतियों से सम्बंधित ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.


पिछले दो साल सेना में भर्तियां नहीं होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए.’ उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच नाराज़गी की स्तिथि बानी हुई है और देश में हर तरफ युवाओं द्वारा अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है . सरकार की इस घोषणा के बाद से खासकर बिहार में सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के बीच रोष व्याप्त है.


बाहरी दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को एक दर्जन से अधिक आकांक्षी युवाओं ने पटरियों पर लेटकर एक ट्रेन का मार्ग अवरुद्ध किया. सेना की भर्ती में केंद्र सरकार की नयी योजना का देश में हर जगह विरोध हो रहा है. केजरीवाल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘युवा बहुत नाराज़ हैं. उनकी मांग बिलकुल जायज़ है. सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को चार साल में बांधकर मत रखिए.’


पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में रेलवे भर्ती परीक्षाओं में देरी होने और अग्निपथ योजना के विरोध में सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर नांगलोई रेलवे स्टेशन पर तकरीबन 15-20 लोग जमा हुए. जिसके बाद उन्होंने एक ट्रेन को रोका जो हरियाणा के जींद से पुरानी दिल्ली की ओर जा रही थी. केंद्र की योजना के तहत, चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा और शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है.



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