दिल्ली: कम ब्याज पर कर्ज दिलाने के नाम पर 500 लोगों से की ठगी, जालसाज गिरफ्तार

 रोहिणी जिला डीसीपी प्रवण तायल के अनुसार, नरेंद्र सिंह ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उसने एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में एक विज्ञापन देखा, जिसमें कम ब्याज दर पर एक करोड़ रुपये का लोन देने की पेशकश की गई थी। उन्होंने संपर्क किया तो ठग ने विभिन्न औपचारिकताओं के नाम पर उससे रुपये ठग लिए।रोहिणी जिले की साइबर थाना पुलिस ने कम ब्याज पर एक करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी पंजाब के जालंधर निवासी मुकेश कुमरा (39) 10 वर्षों से ठगी कर रहा था। आरोपी 500 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुका है। इसके पास से 14 डेबिट कार्ड, 11 पासबुक, आठ चेक बुक और ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सात मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।रोहिणी जिला डीसीपी प्रवण तायल के अनुसार, नरेंद्र सिंह ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उसने एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में एक विज्ञापन देखा, जिसमें कम ब्याज दर पर एक करोड़ रुपये का लोन देने की पेशकश की गई थी। पीड़ित ने आरोपी व्यक्ति से मोबाइल पर संपर्क किया। आरोपी ने नरेंद्र से कागजी कार्रवाई करने के नाम पर 26,700 रुपये जमा कराने के लिए कहा।पीड़ित के अनुसार, उसने ये पैसे जमा करा दिए। आरोपी ने पीड़ित से लोन की विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करने के नाम पर और पैसे मांगे। तब पीड़ित को ठगे जाने का एहसास हुआ। मामला दर्जकर रोहिणी जिले के साइबर थाना पुलिस टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने अखबार में दिए विज्ञापन के माध्यम से आरोपी का पता लगाने की कोशिश की।

पुलिस को पता लगा कि विज्ञापन कंपनी के माध्यम से समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया था। पता लगा कि ठगी की रकम वाराणसी के एक बैंक खाते में भेजी गई है। इन बैंक खाते से रकम को वाराणसी में स्थित दूसरे बैंक खातों व फर्जी पेटीएम में ट्रांसफर किया गया है। जांच के बाद इंस्पेक्टर अजय दलाल ने जालसाज मोती नगर, दिल्ली निवासी मुकेश कुमरा को गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी आईडी पर करता था सारे काम

आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फर्जी आईडी का इस्तेमाल करता था। उसने अखबार में विज्ञापन देने वाली विज्ञापन कंपनी को विज्ञापन देते समय फर्जी पता दिया था। आरोपी ने मोबाइल भी फर्जी आईडी पर ले रखे थे। हर जगह वह फर्जी आईडी का इस्तेमाल करता था।

आरोपी ऐसे करता था ठगी

आरोपी ने बताया कि पहले वह लोन वसूली एजेंसी में काम करता था। लोन रिकवरी एजेंट के तौर पर काम करते हुए उसे ठगी का आइडिया आया था। इसके बाद वह नामी बैंकों से सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज दिलाने का झांसा देकर लोगों को ठगने लगा। ज्यादा से ज्यादा एरिया कवर करने के लिए वह अखबार में विज्ञापन छपवाता था। ये बैंक का कानूनी सलाहकार या मैनेजर बनकर कर्ज पास कराने के नाम पर जरूरतमंद लोगों से बात करता था। इसके बाद कर्ज देने के लिए अलग-अलग चार्ज के बहाने उनसे पैसे मांगता था। ठगी की रकम रखने व उसे ट्रांसफर करने के लिए अन्य राज्यों में फर्जी बैंक खाते खुलवा रखे थे।

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