यूएन का दावा: तालिबान अब लड़कियों की शिक्षा पर देगा जोर, कई प्रांतों में खोले जाएंगे माध्यमिक विद्यालय

 यूएन का दावा: तालिबान अब लड़कियों की शिक्षा पर देगा जोर, कई प्रांतों में खोले जाएंगे माध्यमिक विद्यालय

( अमन न्यूज़ ) 

तालिबान राज में महिलाओं और लड़कियों को अपनी सुरक्षा और अधिकारों की सबसे ज्यादा चिंता होने लगी है। तालिबान हमेशा से लड़किओं और महिलाओं की शिक्षा का विरोध करता रहा है। लेकिन इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने राहत की खबर दी है। अधिकारियों का कहना है कि तालिबान जल्द ही लड़कियों की शिक्षा को बढ़ाने के लिए कई प्रांतों में माध्यमिक विद्यालय खोलने की घोषणा करने वाला है। पिछले हफ्ते काबुल का दौरा करने वाले यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि तालिबान के शिक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी लड़कियों को छठी कक्षा से आगे अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक रूपरेखा पर काम कर रहे हैं, जिसे एक और दो महीने के बीच प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पांच - उत्तर पश्चिम में बल्ख, जवज्जन और समांगन, उत्तर पूर्व में कुंदुज और दक्षिण पश्चिम में उरोजगान पहले से ही लड़कियों को अनुमति दे रहे हैं। आब्दी ने कहा कि जैसा कि आज मैं आपसे बात कर रहा हूं, माध्यमिक विद्यालय की उम्र की लाखों लड़कियां लगातार 27वें दिन शिक्षा से वंचित हैं। अब और अधिक इंतजार सही नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा कि वर्ष 1996-2001 तक तालिबान के पिछले शासन के दौरान उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया और उन्हें काम करने एवं सार्वजनिक जीवन जीने से रोक दिया था। लेकिन अब तालिबान पर महिलाओं के शिक्षा और काम के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। अधिकारी ने कहा कि हर बैठक में हमने तालिबान पर लड़कियों को अपनी शिक्षा फिर से शुरू करने देने के लिए दबाव डाला। हमने इसे लड़कियों के लिए और पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण बताया।

यूएन के अधिकारी आब्दी ने आगे कहा कि वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में केवल 10 लाख बच्चे स्कूल जाते थे लेकिन पिछले 20 वर्षों में अब यह संख्या बढ़कर एक करोड़ हो गई है जिसमें 40 लाख लड़कियां भी शामिल हैं। जबकि पिछले एक दशक में स्कूलों की संख्या 6,000 से बढ़कर 18,000 हो गई है। लेकिन तालिबान के शासन आने के बाद से फिर से इन सभी छात्र/छात्राओं की शिक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।




Comments