मोदी के सत्ता में 20 साल: क्या ब्रांड मोदी 'अपराजेय' हैं.. 2024 में गेम बिगाडेंगी दीदी, कितने पानी में विपक्ष

 मोदी के सत्ता में 20 साल: क्या ब्रांड मोदी 'अपराजेय' हैं.. 2024 में गेम बिगाडेंगी दीदी, कितने पानी में विपक्ष

( अमन न्यूज़ ) 

यह सवाल तो वैसे कई नेता और राजनीतिक विश्लेषकों से पूछा गया लेकिन जैसे ही यह बात भारतीय जनता पार्टी के एक नेता से की उन्होंने पलट कर पूछा- क्या आज भारत में राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी दल मिलकर भी ऐसे किसी विकल्प का दावा कर सकते हैं? भाजपा नेता का कहना है कि किसी भी लोकतंत्र में एक स्वस्थ विकल्प का हमेशा स्वागत है लेकिन पीएम मोदी ने किसी के लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा।



वे आगे कहते हैं एक राजनेता के रूप में मोदी अपने विरोधियों से कई कदम आगे हैं। राजनीतिक विमर्श में वह किसी से पीछे नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने जो कद हासिल किया है उससे सभी को हैरान हैं। विपक्ष में ऐसा कोई चुनौती देने वाला नहीं है जो उनकी तुलना में भी करीब आ सके। यह एक कठोर वास्तविकता है और विपक्ष इसे जानता है। इससे यह कड़वा सच नहीं बदलेगा।

एक वरिष्ठ राजनीतिक पर्यवेक्षक भी कुछ ऐसा ही कहते हैं। उनके मुताबिक नरेंद्र मोदी आपदा में अवसर ढूंढने के मामले में माहिर हैं। उन्होंने 2007 गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मौत का सौदागर नारे को राष्ट्रवाद में बदल दिया, 2014 चुनाव में मणि शंकर के चायवाला वाले बयान को लेकर चाय पर चर्चा ही करवा दी और इसे गरीब का मजाक उड़ाने वाले बयान में बदल दिया।


2016 नवंबर में नोटबंदी के फैसले को मोदी ने अमीरों के खिलाफ अभियान बना दिया। फिर राहुल गांधी के चौकीदार चोर के नारे को देशभर में ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान बना दिया। मोदी एक फाइटर हैं। वे जो लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो उसके लिए अपना सौ फीसदी देते हैं। तो क्या वाकई ऐसा है कि नरेंद्र मोदी या भाजपा के खिलाफ 2024 तक भी कोई मजबूत विपक्ष तैयार नहीं हो सकता। 

कुछ राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ऐसा नहीं है कि मोदी अभेद्य किला हैं। एक मजबूत गठबंधन से पीएम मोदी और भाजपा के सामने एक सशक्त विकल्प खड़ा करने की कोशिश की जा सकती है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि मजबूत गठबंधन की उनकी रणनीति किस हद तक कामयाब होगी और सबसे अहम सवाल है कि मजबूत विपक्ष में नरेंद्र मोदी के सामने गठबंधन का चेहरा कौन होगा।





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