एक लाख की सीमा हटाने के लिए दिल्ली सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट

  एक लाख की सीमा हटाने के लिए दिल्ली सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट



(अमन न्यूज़ )

नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली सरकार, ऑटो परमिट के लिए तय एक लाख की सीमा को हटाने के लिए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में है। हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के साथ दिल्ली सरकार के अधिकारियों की बैठक में भी इस मुद्दे पर सहमति बन गई है।

अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में ई ऑटो के लिए तय सीमा को हटाने के लिए याचिका दायर करेंगे। एक लाख की सीमा को हटाने से ऑटो-रिक्शा की जगह ई-ऑटो को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने हाल ही में करीब 4200 ई ऑटो को परमिट के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह एक लाख की सीमा के अंदर है।

परिवहन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अब तक 95,000 से अधिक परमिट जारी किए जा चुके हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 4,200 ई-ऑटो को परमिट दिए जाएंगे। इसमें 35 प्रतिशत परमिट महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।

आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक पैनल ने केवल ई-ऑटो की खरीद के लिए इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का समर्थन किया है। इससे ई वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में दिल्ली सरकार को ऑटो-रिक्शा परमिट के लिए संख्या को सीमित करते हुए मौजूदा परमिट को बदलने के लिए नए परमिट जारी करने के निर्देश दिए थे।

दिल्ली सरकार ने परमिट की संख्या करीब 82,000 पर सीमित कर दी। 1998 में सीएनजी ऑटो को प्रोत्साहित करने के लिए ऑटो रिक्शा के लिए परमिट की संख्या बढ़ाकर एक लाख कर दी गई थी। बजाज ऑटो की ओर से ऑटो-रिक्शा पर लगी सीमा को हटाने की मांग की गई थी। मार्च 2019 में कोर्ट ने कहा था कि वाहनों की संख्या और दूसरे पहलुओं से संबंधित डाटा देखने के बाद ही सीमा पर विचार किया जाएगा।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान पुणे की ओर से दो साल के अध्ययन में सामने आया कि दिल्ली में पीएम 2.5 उत्सर्जन का सबसे प्रमुख स्रोत परिवहन है, क्योंकि प्रदूषण में पीएम 2.5 का 41 प्रतिशत योगदान है।


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