क्या भाजपा में शामिल होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह? अमित शाह से आज दिल्ली में कर सकते हैं मुलाकात
(अमन न्यूज़ )
पंजाब में सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज दिल्ली आ रहे हैं जहां वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। वहीं इसके बाद से सियासी अटकलें भी तेज हो गई हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। तीनों नेताओं के बीच शाम 3.30 पर मुलाकात होने की संभावना है।
बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से अनबन होने के बाद इसी महीने कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं इस्तीफे के बाद अमरिंदर लगातार कांग्रेस के बड़े नेताओं पर हमला बोल रहे थे। उन्होंने दर्द बयां करते हुए कहा था कि पार्टी के अंदर उनका अपमान किया गया, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला लिया था। अमरिंदर सिंह ने यह तक कहा था कि पंजाब चुनाव 2022 में अगर कांग्रेस जीतती भी है तो वह नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम नहीं बनने देंगे।
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। वह व्यक्तिगत यात्रा पर हैं, इस दौरान वह कुछ दोस्तों से मिलेंगे और नए सीएम के लिए कपूरथला का घर भी खाली करेंगे। अनावश्यक अटकलों की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि कैप्टन ने जब पद से इस्तीफा दिया था तब मीडिया ने उनसे सवाल किया था कि क्या आप भाजपा में शामिल होंगे? तब कैप्टन ने जवाब देते हुए कहा था कि इस्तीफा देने के बाद सभी विकल्प खुले हैं। राजनीति के 52 साल के अनुभव और साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहने पर उनके कई दोस्त बने हैं। वे अपने सहयोगियों से विचार कर इसपर फैसला लेंगे।
भाजपा नेता और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था। अमरिंदर के इस्तीफे के बाद अनिल विज ने लिखा था कि राष्ट्रवादी कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके रास्ते में बाधा थे, इसलिए उन्हें राजनीतिक रूप से मार दिया गया। पंजाब में सभी राष्ट्रवादी ताकतों को कांग्रेस के गलत मंसूबों को नाकाम करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
साल 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी अमरिंदर कांग्रेस हाईकमान से आर-पार के मूड में थे। उस वक्त कैप्टन ने जाट महासभा बनाकर कांग्रेस को चुनौती दी थी। इसी दौरान कैप्टन ने एक बयान देते हुए कहा था कि उस वक्त वह भाजपा में जाने के बारे में सोच रहे थे।
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