यूपी पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का किया भंडाफोड़, कई महिलाएं लौटीं वतन, बेहद दर्दनाक हैं दास्तां
यूपी पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का किया भंडाफोड़, कई महिलाएं लौटीं वतन, बेहद दर्दनाक हैं दास्तां
(अमन न्यूज़ )
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की 45 वर्षीय नरगिस (बदला हुआ नाम) अपने दो बेटियों और एक बेटी के साथ शादी के कई सालों बाद अपने पति से अलग रह रही थी।
आर्थिक रूप से कमजोर महिला को ओमान में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने का अवसर मिला। जिससे उसे प्रति माह 25 हजार रुपये सैलरी मिलती।
कानपुर स्थित एक ट्रैवल एजेंट की मदद से फरवरी में वह खाड़ी देश ओमान पहुंची। उन्हें महसूस हुआ कि वह मानव-तस्करी के गिरोह के जाल में फंस गई हैं। उन्होंने बताया कि जैसे ही वह ओमान पहुंची, उसका फोन छीन लिया गया और उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई। इस दौरान श्रीलंका की एक महिला आयशा ने उनकी मदद की। उन्होंने उससे भारत लौटने की भीख मांगी, लेकिन उसने रिहाई के लिए 4 लाख रुपये की मांग की।
उनकी बेटी सोफिया (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अम्मी ने किसी तरह हमें फोन पर अपनी आपबीती के बारे में बताया, जिसके बाद मैंने कानपुर पुलिस को ट्रैवल एजेंट के विवरण के साथ मामले की सूचना दी। 15 अगस्त को जब देश ने अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया, नरगिस कानपुर पुलिस और विदेश मंत्रालय की मदद से दो और महिलाओं के साथ वतन लौटीं। अप्रैल से अब तक 18 महिलाएं वतन वापस आ चुकी हैं।
वहीं इससे पहले ओमान में फंसीं तीन और महिलाओं की भारत वापसी हुई थी। अमौसी एयरपोर्ट पर उनके परिजनों ने उन्हें रिसीव किया था। भारत आने वाली महिलाओं में दो कानपुर और एक उन्नाव की थी। क्राइम ब्रांच अब इन तीनों महिलाओं के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की।
नौकरी के बहाने कानपुर, उन्नाव की कुछ महिलाओं को ओमान में बेच दिया गया था। जहां उन्हें शेख ने बंधक बना रखा था। करीब छह महीने पहले कर्नलगंज थाने में दर्ज किए गए केस में क्राइम ब्रांच ने आरोपी ट्रैवल एजेंट मुजम्मिल और अतिकुर्ररहमान व एक आरोपी को बंगलूरू से गिरफ्तार किया था।
क्राइम ब्रांच की पहल पर विदेश मंत्रालय की मदद से अब तक चार महिलाएं भारत वापसी कर चुकी हैं। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि कुछ दिन पहले ओमान पुलिस ने इन महिलाओं को रेस्क्यू कर भारतीय दूतावास के सुपुर्द कर दिया था।
पुलिस के मुताबिक तीनों महिलाएं टूरिस्ट वीजा पर ओमान गई थीं। वीजा की समयावधि खत्म हो गई थी, लेकिन वह नहीं लौटी थीं। वह अवैध रूप से वहां रह रही थीं। इस बीच एक कंपनी ने उनके दस्तावेज बनवाए। जिससे उनको वहां रहने के लिए वीजा बना।
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