दिल्ली के मंदिरों में पूजा करने नहीं निकले श्रद्धालु, वीडियो कॉलिंग से किया कन्हैया लाल के दर्शन

 दिल्ली के मंदिरों में पूजा करने नहीं निकले श्रद्धालु, वीडियो कॉलिंग से किया कन्हैया लाल के दर्शन


(अमन न्यूज़ )

कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने मंदिरों में जन्माष्टमी का उत्सव मनाने पर पाबंदी लगा रखी थी। ऐसे में श्रद्धालुओं ने घर पर रहते हुए कान्हा का जन्मोत्सव मनाया। मंदिर मार्ग पर स्थित बिड़ला मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था, श्रद्धालुओं ने यहां के मुख्य पुजारी राम गोपाल शुक्ला को वीडियो कॉल कर कन्हैया लाल का दर्शन किया। कालकाजी, छतरपुर और झंडेवालान मंदिर में इस बार जन्माष्टमी पर उत्सव नहीं मनाया गया। जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं ने उपवास रखा, घर पर रहकर पूजा-पाठ किया और अपने-अपने अंदाज में कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया। अधिकतर श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने के लिए नहीं गए। 

दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कॉलोनी वासियों ने आपस में मिलकर भजन-कीर्तन किया। आधी रात कन्हैया के जन्म के बाद सूजी-धनिया की पंजीरी, चरणामृत का प्रसाद वितरित किया। कई लोगों ने केक काटकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। लेकिन पहले की तरह सड़कों पर सजने वाली जन्माष्टमी की झांकियां इस साल नहीं सजाई गईं।

सीमित लोगों के साथ इस्कॉन में उत्सव द्वारका, ईस्ट ऑफ कैलाश, पंजाबी बाग, रोहिणी, चांदनी चौक और पूर्वी दिल्ली के इस्कॉन संस्थान में पिछले साल की ही भांति पूरे विधि-विधान के साथ जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। लेकिन यहां पर आम श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। ईस्ट ऑक कैलाश मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया था। पुलिस ने मंदिर जाने के रास्ते में बैरीकेडिंग कर रखी थी। मंदिर प्रशासन ने अपने चुनिंदा श्रद्धालुओं को मंदिर में आने के लिए पास की व्यवस्था की हुई थी। दिल्ली पुलिस बिना पास लोगों को मंदिर की तरफ जाने से रोक रही थी।

चांदनी चौक में गौरी शंकर मंदिर, हनुमान वाटिका मंदिर, हरिहर आश्रम, राम लीला मैदान के साथ-साथ कई अन्य छोटी-बड़ी करीब 15 जगहों पर हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य उत्सव मनाया जाता है। लेकिन पिछले दो साल से यहां जन्माष्टमी उत्सव नहीं मनाया जा रहा। चरखे वाली गली और हौज काजी चौक पर हर साल माखन की मटकी तोड़ी जाती थी, लेकिन इस साल यहां सन्नाटा पसरा हुआ था।

ग्रेटर कैलाश के सनातन धर्म मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं ने माखन की मटकी फोड़ी। स्थानीय सामाजिक संस्था ने यहां पर जन्माष्टमी उत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम में युवाओं ने हिस्सा लिया। सीमित संख्या में लड़के और लड़कियों ने जुटकर मटकी फोड़ी। आयोजक संस्था के संचालक जय भगवान गोयल ने बताया कि कोविड संक्रमण का खतरा अभी बरकरार है, इसलिए सीमित लोगों के साथ मिलकर जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया। उन्होंने बताया कि हर साल यहां पर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होता है। इसके बाद जन्माष्टमी के दिन भव्य मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसे देखने के लिए दिल्ली एनसीआर के कोने-कोने से लोग यहां आते थे।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ईस्ट ऑफ कैलाश इस्कॉन मंदिर में जाकर कान्हा के दर्शन किए और विधि विधान से पूजा-पाठ किया। उपमुख्यमंत्री ने कन्हैया को दुग्ध-श्नान कराया, उनकी आरती उतारी और पंचामृत का भोग लगाया। उन्होंने सभी दिल्ली वासियों की खुशहाली के लिए प्रार्थना की और लोगों को जन्माष्टमी की बधाई दी।



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