आईएएस कोचिंग का मक्का मुखर्जी नगर फिर होगा गुलजार, पर वैक्सीन अनिवार्य
(अमन न्यूज़ )
देश की सबसे प्रतिष्ठित नागरिक व भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई के लिए मक्का माना जाने वाला मुखर्जी नगर इलाका एक बार फिर गुलजार होगा। डेढ़ साल के लॉकडाउन से राहत मिलने से इस इलाके में कोचिंग संस्थाएं खुलेंगी। प्राइवेट लाइब्रेरी चलाने वाले भी उसे सजाने-संवारने में लगे हैं। किताब व स्टेशनरी की दुकानें सजने लगी हैं, तो किराए पर दिए जाने वाले घर व प्राइवेट हॉस्टल की सफाई होने लगी है। ठेले-खोमचे पर खाद्य सामग्री की बिक्री करने वालों में भी खुशी है। हो भी क्यों नहीं यहां की अर्थव्यवस्था ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार से पढ़ाई के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं पर ही टिकी है।
मुखर्जी नगर जहां यूपीएससी की तैयारी करने वालों का हब है, तो वहीं कोचिंग संस्थानों का भी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के इलाके में करीब ढाई से तीन सौ कोचिंग संस्थान इस इलाके में है। एक अनुमान के अनुसार कोचिंग संस्थानों का सौ करोड़ रुपये का टर्नओवर है। जिसमें आधा दर्जन के करीब बड़े कोचिंग और सैकड़ों छोटे इंस्टीट्यूट हैं।
कोविड का कहर आईएएस कोचिंग संस्थानों पर भी जबरदस्त तौर पर पड़ा है। इसमें बड़े संस्थान तो बच गए, लेकिन छोटे-छोटे करीब ढाई सौ कोचिंग संस्थान या तो बंद हो गए या दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गए।
ऑनलाइन भले ही आईएएस की तैयारी के लिए बेहतर विकल्प नहीं माना जा रहा, लेकिन बेरोजगार हुए शिक्षकों का सहारा भी बना। लॉकडाउन के दौरान काफी संस्थाओं ने ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा शुरू की। हालांकि कई शिक्षक अपने मूल राज्य को पलायन भी कर गए।
यूपीएससी की तैयारी करने हर साल दिल्ली के मुखर्जी नगर समेत आस-पास के इलाके में दस हजार से अधिक छात्र आते है। यूपी, बिहार, हरियाणा के छात्र इसी इलाके में किराए पर कमरे लेकर तैयारी करते है। इन्हीं छात्रों से कोचिंग इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी, किताब की दुकानें व घर गुलजार रहते हैं।
लॉकडाउन की वजह से कोचिंग इंस्टीट्यूट की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। सरकार को इसके लिए पहल करने की आवश्यकता है। टैक्स में छूट देना चाहिए। यहां तैयारी करने यूपी, बिहार, हरियाणा व दक्षिणी भारत के छात्रों को वैक्सीन लेने के लिए मोटिवेशन मिलेगा। 18 साल से अधिक उम्र के छात्र इसी बहाने कोविड का वैक्सीन लेंगे।
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