भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता के पेश न होने पर हाईकोर्ट नाराज
(अमन न्यूज़ )
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत मानहानि मामले में भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता की ओर से किसी वकील के पेश न होने पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा ऐसे में वे मामले में एक पक्षीय अंतरिम आदेेश पारित करेगा। गहलोत ने एक हजार लो फ्लोर बसों की खरीद में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को झूठा बताते हुए गुप्ता पर केस दायर किया है।
न्यायमूर्ति आशा मेनन ने गहलोत के वकील की जिरह सुनने के बाद कहा वे जल्द आदेश पारित करेंगी। गहलोत की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव नैयर ने कहा कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गुप्ता ने एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बावजूद लो फ्लोर बसों की खरीद के संबंध में मंत्री पर संदेह करते हुए बेरोकटोक ट्वीट किए हैं। दिल्ली सरकार ने बसों के लिए टेंडर जारी किया, उचित प्रक्रिया के बाद ही टेंडर जारी किए गए और विजेन्द्र गुप्ता ने बिना आधार के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता जिम्मेदार विधायक हैं। उन्होंने सदन में मुद्दा उठाया था और उनके मुवक्किल ने जवाब भी दिया था। उन्होंने कहा आज भी वे न तो स्वयं पेश हुए न ही उनकी ओर से कोई वकील। ऐसे में एक पक्षीय निर्णय दिया जाए।
याची परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने याचिका में कहा कि गुप्ता ने राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से उनके खिलाफ आधारहीन, बेबुनियाद आरोप लगा कर उनकी प्रतिष्ठा खराब की है। उन्होंने अदालत से पांच करोड़ रुपये बतौर हर्जाना दिलवाने व उनके खिलाफ ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट की गई मानहानिकारक सामग्री को हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
हाईकोर्ट में दायर मानहानि मामले में गहलोत ने कहा कि लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में विजेंद्र गुप्ता ने जानबूझ कर उन्हें बदनाम करने और दुर्भावना पूर्ण उद्देश्यों से झूठे आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि विजेंद्र गुप्ता ने इस परियोजना में घोटाले का झूठा आरोप लगाया और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और एलजी से संपर्क किया। इस पर उपराज्यपाल ने एक समिति गठित करने के आदेश दिए। समिति की जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आने पर परिवहन मंत्री को क्लीन चिट दे दी गई थी।
उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें इस मानहानि के लिए गुप्ता से 5 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उन के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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