अपने ही घर में आने से हिचक रहे हैं लोग, 40 फीसदी ने लौटाए आवंटिक डीडीए फ्लैट

 अपने ही घर में आने से हिचक रहे हैं लोग, 40 फीसदी ने लौटाए आवंटिक डीडीए फ्लैट


(अमन न्यूज़ )

इन स्थानों पर न तो बस सेवा है और न ही बाजार। यहां रात में नहीं, दिन में भी वारदात होने की आशंका रहती है। लिहाजा, राजधानी निवासी और यहां नौकरी के लिए आने वाले लोग अनधिकृत कालोनियों में रहना पसंद करते हैं। उनकी इस रुचि की वजह से गत तीन दशक के दौरान राजधानी में करीब 2000 अनधिकृत कालोनी अस्तित्व में आ चुकी हैं। अब इन कालोनियों में डीडीए की आवासीय कालोनियों की तरह फ्लोर बनाने शुरू कर दिए गए हैं और ये फ्लोर हाथों हाथ बिक रहे हैं।

डीडीए ने वर्ष 2014 में लोगों का आवास उपलब्ध कराने के लिए करीब 25 हजार फ्लैट आवंटित करने की योजना जारी की थी। इसके तहत एक लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किए, लेकिन ड्रॉ निकलने के करीब दो माह के अंदर करीब 40 फीसदी यानी 11 हजार लोगों ने फ्लैट लौटा दिए।

डीडीए ने वर्ष 2017 में 13 हजार फ्लैट आवंटित करने का निर्णय लिया। यह अधिकतर फ्लैट नरेला, रोहिणी, सिरसपुर आदि इलाके में हैं। इन्हें लेने में 6 हजार आवंटियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। क्योंकि, ये जर्जर होने के साथ काफी दूर हैं। वीरान इलाके में होने के कारण लोगों ने इन्हें लौटा दिया था।

डीडीए ने वर्ष 2019 की आवासीय योजना के तहत 8400 फ्लैटों का ड्रॉ निकाला था। फ्लैट मिलने के बाद करीब 4 हजार लोगों ने लौटा दिए। इन लोगों ने महज 20 दिन में फ्लैट वापस करने के लिए डीडीए के पास आवेदन कर दिया था।

डीडीए ने इस साल आवास योजना-2021 में 1354 फ्लैट शामिल किए थे, लेकिन सभी नहीं बिके। ये सभी फ्लैट लोगों को आवंटित कर दिए गए थे। इस योजना के तहत 694 लोगों ने वापस कर दिए। आवंटितियों को इस योजना में शामिल द्वारका सेक्टर-19 बी में बने एमआईजी फ्लैट भी पसंद नहीं आए।



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