सीबीएसई ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने की नीति को सही ठहराया
(अमन न्यूज़ )
नई दिल्ली। दसवीं की परीक्षा रद्द किए जाने के बाद आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को अंक दिए जाने की नीति को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सही ठहराया है। सीबीएसई ने कहा कि दसवीं क्लास की मूल्यांकन नीति भी 12वीं क्लास के मूल्यांकन नीति के आधार पर बनाई गई है जिसे सुप्रीम कोर्ट नेे अपनी संस्तुति दी है। सीबीएसई ने यह जानकारी हाईकोर्ट में पेश अपने जवाब में दी है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायूमर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में सीबीएसई ने मूल्यांकन नीति के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज करने का आग्रह किया। बोर्ड ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर नीति बनाई है कि अंक देने में स्कूल किसी छात्र के साथ अन्याय नहीं कर सकें। स्कूल छात्रों को वास्तविक योग्यता के आधार पर अंक दें।
सीबीएसई ने कहा कि न्यायसंगत, निष्पक्ष और विश्वसनीय परिणाम सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ‘परिणाम समिति’ को दी गई है। स्कूलों और उसके शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा तैयार मूल्यांकन नीति से किसी भी छात्र के साथ भेदभाव या अन्याय नहीं होगा।
दायर याचिका में सीबीएसई को 10वीं कक्षा के छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन की नीति में संशोधन की मांग की गई है। सीबीएसई ने कहा है कि तकनीकी व उच्च योग्यता वाले विशेषज्ञों ने यह नीति तैयार की है जिन्हें बच्चों को पढ़ाने का लंबा अनुभव है। याचिकाकर्ता के आरोपों को आधारहीन बताते हुए सीबीएसई ने कहा कि उसके मूल्यांकन नीति में न तो कोई बदनीति है या न ही भेदभाव की कोई गुंजाइश है।
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