दिल्ली दंगों के एक मामले में लगाए गए जुर्माना भरने से पुलिस को फिलहाल राहत

दिल्ली दंगों के एक मामले में लगाए गए जुर्माना भरने से पुलिस को फिलहाल राहत


(अमन न्यूज़ )

नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों की जांच के सिलसिले में निचली अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने से दिल्ली पुलिस को फिलहाल राहत दे दी है। निचली अदालत ने दिल्ली दंगों में घायल हुए एक व्यक्ति की अलग से प्राथमिकी दर्ज न करने पर 2500 रुपये जुर्माना लगाते हुए कड़ी टिप्पणियां की थीं। दिल्ली पुलिस ने उस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

अदालत ने अब शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। उसका आरोप था कि उसकी बाईं आंख में गोली लगी थी लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को एक अन्य प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया था। जिन लोगों पर उसने आरोप लगाया था उन्हें पुलिस ने निर्दोष करार दिया था।


न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा वे बिना सुनवाई के निचली अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों संबंधी फैसले पर रोक नहीं लगाना चाहते। अदालत ने फिलहाल पुलिस को कुछ राहत प्रदान करते हुए अगली सुनवाई तक जुर्माने की राशि को जमा न करवाने की छूट प्रदान की है। अदालत ने मामले की सुनवाई 13 सितंबर तय की है।

याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल उठाया कि शिकायतकर्ता नासिर की मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उनका पता लिखा होने के बावजूद पुलिस इस मामले में किसी चश्मदीद गवाह का पता लगाने में कैसे असमर्थ रही। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि दिल्ली पुलिस की शिकायत मुख्य रूप से पुलिस अधिकारियों पर लगाए जुर्माने व कड़ी टिप्पणियों पर है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को सुने बिना ही जुर्माना लगा दिया।

वहीं मामले में पीड़ित (शिकायतकर्ता) की ओर से पेश अधिवक्ता महमूद प्राचा ने अदालत से मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को धमकियां दी जा रही हैं। उस पर मामले को वापस लेने के लिए भारी दबाव डाला जा रहा है।

निचली अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने 13 जुलाई के आदेश में दिल्ली के उत्तरी घौंडा निवासी मोहम्मद नासिर की शिकायत पर अदालत के आदेश के बावजूद प्राथमिकी दर्ज न करने पर पुलिस को फटकार लगाते हुए 2500 रुपये का जुर्माना लगाया था। अदालत ने जांच को लापरवाही पूर्ण व हास्यास्पद करार दिया था।



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