दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश : इस साल भी सैकड़ा लगा सकती है कटऑफ
( अमन न्यूज़ )
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का रिजल्ट 99 फीसदी के पार जाने से दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की राह चुनौती भरी होने जा रही है। उम्मीदन इस बार भी डीयू की कटऑफ शतक लगा सकती है। पिछले साल डीयू में नामचीन कॉलेज लेडी श्रीराम कॉलेज ने तीन विषयों में 100 फीसदी पर कट ऑफ जारी की थी। इस बार जिस तरह से रिजल्ट में उछाल आया है और 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने वाले बढ़ गए हैं। इससे अन्य कॉलेज भी शतक लगाने की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इसकेसाथ ही कॉलेजों की कट ऑफ में दो फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है।
दाखिले से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि ऐेसे रिजल्ट के कारण डीयू में दाखिले केलिए बेस्ट-4 से मेरिट जारी करने का फॉर्मूला फेल हो सकता है। ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय को दाखिलों पर ब्रेक लगाने के लिए सतर्क रहने की जरुरत है। कॉलेजों को सैकेंड लेवल ऑफ मेरिट बना कर चलना होगा।
डीयू में पिछले साल पहली कटऑफ सौ प्रतिशत पहुंच गई थी। जो कि वर्ष 2019 की कट ऑफ के मुकाबले में एक फीसदी अधिक थी। लेडी श्रीराम कॉलेज ने बीए ऑनर्स मनोविज्ञान, बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र और बीए ऑनर्स राजनीतिक शास्त्र की पहली कटऑफ सामान्य वर्ग के लिए 100 प्रतिशत की जारी की थी। ऐसे में जब इस बार 95 फीसदी से अधिक हासिल करने वालों की संख्या बीते साल के मुकाबले में दुगुनी 70,004 हो गई है। वहीं 90-95 फीसदी वाले भी डेढ़ लाख विद्यार्थी हैं तो ऐसे में अन्य कॉलेजों की कट ऑफ भी शतक लगा सकती है।
सीबीएसई का रिजल्ट इस बार 99.37 प्रतिशत है जो पिछले साल लगभग 88.78 फीसदी था। डीयू में सबसे ज्यादा सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थी ही दाखिला लेते हैं। जबकि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार, व उत्तर प्रदेश से ही दाखिले केलिए आवेदन किए जाते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट वेलफेयर डीन प्रो राजीव गुप्ता कहते हैं कि जब तक सीबीएसई व अन्य राज्य बोर्ड के रिजल्ट का विश्लेषण नहीं करते तब तक अनुमान लगाना मुश्किल है कि कट ऑफ पर कितना असर पड़ेगा। वह कहते हैं कि नीट, क्लेट, जेईई परीक्षा पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि कट ऑफ को लेकर कॉलेज प्रिंसिपल से बैठक कर ही कट ऑफ को लेकर अनुमान लगाया जा सकता है।
पूर्व डिप्टी डीन व वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गुरप्रीत सिंह टुटेजा कहते हैं कि सीबीएसई केनतीजों का पूरा असर कट ऑफ पर पड़ता है। डीयू में सबसे अधिक सीबीएसई बोर्ड केछात्र ही दाखिला लेते हैं। क्योंकि इस साल 90 से 100 के बीच अंक लाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है तो इसका असर कॉलेजों की कट ऑफ पर निश्चित तौर पर पड़ेगा। वह कहते हैं कि कई कॉलेजों में 100 फीसदी तक कट ऑफ पहुंच सकती हैं।
ऐसे में बेस्ट-4 का फार्मूला फेल हो सकता है। नामचीन कॉलेजों समेत कई अन्य कॉलेजों को दाखिले में दिक्कत आ सकती है। डॉ टुटेजा कहते है कि डीयू को सतर्क रहकर चलना होगा। कॉलेज केवल सीबीएसई के रिजल्ट के मद्देनजर ही मेरिट ना बनाएं। अन्य राज्य बोर्ड में भी 95 फीसदी से अधिक हासिल करने वाले बढ़े हैं। इस कारण से डीयू में दाखिला लेने वालों की संख्या भी बढ़ेगी।
Comments