रऑक्सीजन पर विधायक प्रवीण पर मुकदमे पर ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार

रऑक्सीजन पर विधायक प्रवीण पर मुकदमे पर ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार


(अमन न्यूज़ )

नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन खरीदने के मामले में आप विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ मुकदमा शुरू करने पर दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकती, जहां केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करने में विफल रहे थे। अदालत ने पाया कि विधायक प्रवीण कुमार ने पीड़ित लोगों को ऑक्सीजन निशुल्क प्रदान करने के लिए खरीदी थी।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने इसे एक विशेष राजनीतिक दल को निशाना बनाने की कार्रवाई बताते हुए कहा कि ड्रग कंट्रोलर को इसी तर्क का पालन करते हुए गुरुद्वारों, मंदिरों और अन्य संगठनों पर भी मुकदमा चलाना चाहिए जिन्होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की खरीद की थी।

पीठ ने कहा आप उन पर मुकदमा कैसे चला सकते हैं? दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार दोनों ही दिल्ली में लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में विफल रहे।

ऐसे तो हर गुरुद्वारे, मंदिर और संगठन पर कार्रवाई करनी होगी

अदालत ने कहा तीन जून के आदेश में मेडिकल ऑक्सीजन का मुद्दा कोविड दवाओं की जमाखोरी के मुद्दे से अलग है। उन्होंने कहा अपराध में ऑक्सीजन को शामिल करने का तकनीकी आधार अलग है। इस प्रकार आप आधी दिल्ली के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अदालत ने कहा राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की है तो गुरुद्वारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने भी लोगों को ऑक्सीजन की सहायता की लेकिन हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। ऐसे में तो आपको हर गुरुद्वारे, हर मंदिर या सामाजिक संगठन के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

अदालत ने ड्रग कंट्रोलर को स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या वह मेडिकल ऑक्सीजन की खरीद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करना चाहता है। आप क्यों जानबूझकर राजनीतिक दलों को निशाना बना रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मानव त्रासदी को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया गया है।

ड्रग कंट्रोलर की ओर से पेश अधिवक्ता नंदिता राय ने पिछले आदेश में अदालत ने मात्र व्यक्तिगत प्रयोग के लिए खरीदी गई ऑक्सीजन के मामले में छूट दी थी। अदालत ने उनके तर्क को खारिज करते हुए कहा कि आप विभाग से स्पष्ट निर्देश लें कि क्या निशुल्क वितरण के लिए ऑक्सीजन खरीदने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करना चाहते हैं।

फाउंडेशन के पास था दवाओं का भंडार

गौतम गंभीर फाउंडेशन के खिलाफ लगाए गए आरोपों के मुद्दे पर पीठ ने कहा आपको किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। वह सिर्फ समाज की मदद करने की कोशिश कर रहे थे। गौतम गंभीर के मामले को उठाने का कारण यह था कि उनके पास बहुत कोविड दवाओं का भंडार था। अदालत ने कहा हो सकता है कि उनका इरादा अच्छा हो, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।

गौतम गंभीर फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वसुदेव ने अदालत से आग्रह किया कि वह ऐसी कोई प्रतिकूल टिप्पणी न करें जिसका इस्तेमाल उनके खिलाफ अदालत में मुकदमे के दौरान किया जा सके। पीठ ने उनके तर्क पर स्पष्ट किया कि हमने सुनवाई के दौरान जो भी टिप्पणियां की हैं, वे ट्रायल कोर्ट में होने वाली सुनवाई उससे प्रभावित न हो। अदालत मामले के गुण-दोष के आधार पर निर्णय करती है।

ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने अदालत को सूचित किया है कि उसने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए 8 जुलाई को गौतम गंभीर फाउंडेशन, उसके ट्रस्टियों और सीईओ के साथ-साथ आप विधायकों प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ अदालत में मुकदमा शुरू किया है



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