सदियों से उपेक्षित है पूर्वी दिल्ली, लोग चाहते हैं बने मिनी मास्टर प्लान

 सदियों से उपेक्षित है पूर्वी दिल्ली, लोग चाहते हैं बने मिनी मास्टर प्लान


(अमन न्यूज़ )

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र को दिल्ली के अन्य इलाकों जैसी सुविधाएं मिलने का इंतजार है। यहां विश्व स्तरीय सुविधाएं नहीं होने के कारण स्थानीय निवासियों को नई दिल्ली एवं दक्षिण दिल्ली की ओर कूच करना पड़ता है। दरअसल पूर्वी दिल्ली क्षेत्र की ओर देश आजाद होने के बाद ही नहीं, बल्कि मुगलकाल एवं अंग्रेज शासन के दौरान भी ध्यान नहीं दिया गया।

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में एक भी ऐतिहासिक इमारत नहीं है। इसी तरह सुविधाओं के नाम पर भी पूर्वी दिल्ली में शून्य है, वहीं पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। पूर्वी दिल्ली के नाम केवल मेट्रो रेल के परिचालन की शुरूआत होने के तौर पर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज है। दिल्ली में मेट्रो रेल चलने की शुरूआत पूर्वी दिल्ली के शाहदरा से तीस हजारी के बीच शुरू हुई थी।

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र यमुना नदी के कारण शुरू से ही दिल्ली से कटा रहा है। यहीं कारण रहा है कि किसी भी राजा ने पूर्वी दिल्ली के किसी भी क्षेत्र को अपनी राजधानी बनाने में रूचि नहीं ली। इसी तरह अंग्रेजों ने भी पूर्वी दिल्ली से दूरी बनाए रखी। अंग्रेज शोसन में पूर्वी दिल्ली में एक भी सरकारी बिल्डिंग नहीं बनाई गई। लिहाजा क्षेत्र में एक भी हैरिटेज बिल्डिंग नहीं है। वहीं पूर्वी दिल्ली में केंद्र एवं दिल्ली सरकार के भी विख्यात भवन नहीं है। हालांकि पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के लोग अपने इलाके को विख्यात बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। उन्होंने क्षेत्र में कई विश्व प्रसिद्ध मार्केट स्थापित कर दी है। यहां गांधी नगर निगम मार्केट में देश विदेश के लोग खरीदारी करने आते है।

 दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले पूर्वी दिल्ली को नई दिल्ली को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर सिग्नेचेर ब्रिज का निर्माण किया है। इसके अलावा यहां खेलों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया। वहीं गेम्स विलेज भी बनाया। हालांकि दिल्ली में वर्ष 1951 व 1982 में एशियाड गेम्स होने के दौरान पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में खेलों की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में एक भी स्टेडियम का निर्माण नहीं किया गया। वहीं दो धार्मिक संस्थाओं ने मंदिर बनाए है, जिनके कारण पूर्वी दिल्ली देश विदेश में विख्यात हुई है। यहां अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी आते है।

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र यमुना नदी के कारण शुरू से ही दिल्ली से कटा रहा है। यहीं कारण रहा है कि किसी भी राजा ने पूर्वी दिल्ली के किसी भी क्षेत्र को अपनी राजधानी बनाने में रूचि नहीं ली। इसी तरह अंग्रेजों ने भी पूर्वी दिल्ली से दूरी बनाए रखी। अंग्रेज शोसन में पूर्वी दिल्ली में एक भी सरकारी बिल्डिंग नहीं बनाई गई। लिहाजा क्षेत्र में एक भी हैरिटेज बिल्डिंग नहीं है। वहीं पूर्वी दिल्ली में केंद्र एवं दिल्ली सरकार के भी विख्यात भवन नहीं है। हालांकि पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के लोग अपने इलाके को विख्यात बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। उन्होंने क्षेत्र में कई विश्व प्रसिद्ध मार्केट स्थापित कर दी है। यहां गांधी नगर निगम मार्केट में देश विदेश के लोग खरीदारी करने आते है।

 दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले पूर्वी दिल्ली को नई दिल्ली को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर सिग्नेचेर ब्रिज का निर्माण किया है। इसके अलावा यहां खेलों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया। वहीं गेम्स विलेज भी बनाया। हालांकि दिल्ली में वर्ष 1951 व 1982 में एशियाड गेम्स होने के दौरान पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में खेलों की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में एक भी स्टेडियम का निर्माण नहीं किया गया। वहीं दो धार्मिक संस्थाओं ने मंदिर बनाए है, जिनके कारण पूर्वी दिल्ली देश विदेश में विख्यात हुई है। यहां अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी आते है।

पूर्वी दिल्ली में कोई भी बड़ा सरकारी भवन नहीं है। इस कारण यहां केंद्र और दिल्ली सरकार के बड़े कार्यालय नहीं है। करीब नौ साल पहले पूर्वी दिल्ली की अलग से बनाई गई नगर निगम के मुख्यालय का भी भवन नहीं बनाया गया है। इस तरह पूर्वी दिल्ली उपेक्षित सी दिख रही है।

पूर्वी दिल्ली का चौतरफा विकास करने के साथ-साथ इसके क्षेत्र में राजस्व जुटाने और इससे लोगों को जोड़ने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके बाद पूर्वी दिल्ली में सुविधा मुहैया कराने में दिक्कत नहीं आएगी और यह देश विदेश के लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन जाएगी।

पूर्वी दिल्ली में मौजूद समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मिनी मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है। इस प्लान के तहत कार्य होने पर पूर्वी दिल्ली की स्वयं ही तस्वीर बदलती दिखाई देखी। अभी पूर्वी दिल्ली समस्याओं का अंबार दिख रही है



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