पार्ट टाइम जॉब के नाम पर गाजियाबाद के 150 लोगों से ठगी
(अमन न्यूज़ )
गाजियाबाद। ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाने वाले साइबर जालसाजों ने अब पार्ट टाइम जॉब के नाम पर लोगों को फंसाना शुरू कर दिया है। झांसा दिया जाता है कि आप घर बैठे 10 मिनट में सौ रुपये और एक दिन में दो हजार रुपये तक कमा सकते हैं। शुरूआत में टास्क पूरा करने पर खाते में कमीशन भेजकर भरोसा कायम किया जाता है और फिर टास्क बढ़ाकर मोटी रकम ठग ली जाती है। गाजियाबाद में भी ऐसे डेढ़ सौ से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनके साथ पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी हुई है। इसी कड़ी में महिला इंजीनियर की तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर गिरोह की खोजबीन शुरू कर दी है।
पीड़ितों के मुताबिक ऑर्डर मॉल व अन्य कंपनियों के नाम से लोगों के मोबाइल पर मेसेज भेजे जा रहे हैं। उनमें लिखा है कि अगर वह घर बैठे पार्ट टाइम जॉब कर अच्छी-खासी रकम कमाना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन कराएं। रजिस्ट्रेशन के लिए मेसेज में ही एक लिंक दिया जाता है। उसे क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन के लिए लॉगिन और पासवर्ड दिया जाता है। यूपीआई आईडी देकर टास्क देने से पहले रिचार्ज और विदड्रा के ऑप्शन दिया जाता है। पीड़ितों का कहना है कि पहले दिन शुरूआत में कम टास्क दिया जाता है, लेकिन इसके लिए 200 रुपये का रिचार्ज कराया जाता है। टास्क पूरा करने के बाद खाते में 300 रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। आधा घंटे में 100 रुपये कमीशन मिलने पर लोग गैंग के झांसे में आ जाते हैं।
पीड़ितों का कहना है कि टास्क हासिल करने के लिए पहले रिचार्ज करना होता है। धीरे-धीरे टास्क बढ़ा दिए जाते हैं और साथ ही रिचार्ज की रकम भी बढ़ा दी जाती है। कुछ दिनों तक कमीशन देकर लोगों में पार्ट टाइम जॉब का भरोसा कायम किया जाता है। इसके बाद साइबर जालसाज अपना खेल शुरू करते हैं। टास्क पूरे होने के बाद उन्हें फ्रीज कर दिया जाता है और उसे अनफ्रीज करने के लिए अगले टास्क के मुताबिक रिचार्ज करने को कहा जाता है। पिछले टास्क में फंसी रकम को निकालने के लिए लोग अगले टास्क का रिचार्ज कर लेते हैं। मोटी रकम वसूलने के बाद भी टास्क अनफ्रीज नहीं होते और लोगों को तब पता लगता है, जब वह ठग लिए जाते हैं।गवां दी दो महीने की सैलरी, बहन की फीस भी जैसे-तैसे जमा हुई
पीड़ित महिला इंजीनियर का कहना है कि उन्होंने पार्ट टाइम जॉब करके सैलरी से अतिरिक्त कमाई करने की सोची। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि यह साइबर गैंग लोगों को चूना लगा रहे हैं। अपने टास्क अनफ्रीज कराने के लिए उन्होंने 51 हजार रुपये गवां दिए, जोकि उनकी दो माह की सैलरी थी। इसके बाद भी ठगों ने 61 हजार रुपये की मांग जारी रखी, जिसके बाद उन्हें शक हुआ। इंजीनियर का कहना है कि ठगे जाने के बाद उन्होंने अपनी बहन की फीस भी जैसे-तैसे जमा की है।
व्हॉट्सएप के जरिये ही संवाद करते हैं गैंग के सदस्य
पीड़ितों का कहना है कि मेसेज में भेजे लिंक से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद साइबर ठगों का गैंग व्हॉट्सएप पर एक नंबर देता है। इसके बाद व्हॉट्सएप के जरिये ही संवाद कायम रहता है। फोन कॉल की बजाय व्हॉट्सएप कॉलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। नगर कोतवाल अमित कुमार का कहना है कि पीड़ित इंजीनियर की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। गैंग तक पहुंचने के लिए साइबर सेल की मदद ली जाएगी।
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