(अमन न्यूज़)
आज का दिन: ऑक्सीजन का इंतजाम करने में लेट क्यों है मोदी सरकार?
आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे मोदी सरकार ऑक्सीजन के इंतज़ाम करने में लेट क्यों है, डॉक्टर फाउची भारतीय वैक्सीन्स पर क्या बोल रहे हैं, सीटी स्कैन टेस्ट कितने काम का है और बंगाल में अंतिम चरण की वोटिंग पर एनालिसिस. आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं. मोदी सरकार इतनी लेट लतीफ़ क्यों?
ऑक्सीजन की कमी पूरी करने के लिए अब पीएम केयर्स फंड से एक लाख ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स की ख़रीद का फ़ैसला लिया गया है. उम्मीद है कि इनके आने के बाद बड़े शहरों के अस्पतालों पर दबाव ज़रा सा कम होगा.इंडिया टुडे टीवी के नेशनल अफेयर्स एडिटर राहुल श्रीवास्तव बता रहे हैं कि ये कंसनट्रेटर्स कब तक भारत पहुँचेंगे और सरकार ने फ़ैसला इतनी देरी से क्यों लिया है?
भारत पर क्या बोल रहे हैं डॉ फाउची? डॉ एंटनी फाउची अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिज़ीज़ के डायरेक्टर हैं, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य चिकित्सा सलाहकार भी हैं. ट्रंप प्रशासन के दौरान उनके बयान मीडिया में छाये रहते थे. कई बातें तो उन्होंने ऐसी कहीं जो बाद में सौ टका सही निकलीं. उन्होंने इंडियन वैक्सीन्स और विदेश से मिल रही भारत को मदद पर कई अहम बातें कही हैं. वो सुनिएगा.कोरोना डिटेक्ट कैसे करता है सीटी स्कैन?
जब कोरोना के नए म्यूटेंट से एंटीजन टेस्ट और RTPCR टेस्ट धोखा खा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर मरीज़ों को सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं.पब्लिक हेल्थ रिसर्चर डॉ विकास केसरी बता रहे हैं कि सीटी स्कैन कितने काम का है, कितना प्रभावी है और क्या हर टेस्ट परे रखकर सीधा वही करा लेना चाहिए?
बंगाल में आज अंतिम परीक्षा है
बंगाल के विधानसभा चुनाव में आज आख़िरी वेज़ की वोटिंग जारी है. चार ज़िलों की पैंतीस सीटों पर मतदाता अपना फ़ैसला ईवीएम में क़ैद कर रहे हैं. कोरोना गाइडलाइंस के सख़्त पालन पर सबकी नज़र है. वैसे मुक़ाबला इस बार कई मायने में अलग है. पिछले सभी चरणो. में मुक़ाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच माना जा रहा था लेकिन जिन सीटों पर आज वोटिंग है उन पर लेफ़्ट-कांग्रेस का भी प्रभाव है. ऐसे में ममता की टक्कर लेफ़्ट-कांग्रेस से ज़्यादा है. इन सीटों पर पिछली बार नतीजे क्या रहे और कोरोना के हालात का नफ़ा नुक़सान किसे उठाना पड़ रहा है .
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