(अमन न्यूज़) उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदल चुका है. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश से ठिठुरन बढ़ने लगी है. रविवार शाम को दिल्ली में सर्दियों के सीजन की पहली बारिश हुई. बारिश होने की वजह से दिल्ली राजधानी क्षेत्र में ठंडक बढ़ गई. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है. केदारनाथ धाम के कपाट बर्फबारी के बीच बंद कर दिए गए. बाबा केदार की डोली केदारनाथ से शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए भेज दी गई. अब केदारनाथ धाम 6 महीने के लिए बंद रहेगा. वहीं, हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में ओले गिरे हैं.
उत्तराखंड के बागेश्वर में बारिश की वजह से जंगलों में लगी आग से राहत मिली तो बर्फबारी से ठंडक बढ़ गई. बागेश्वर में सुबह से बारिश हो रही है. पिछले तीन हफ़्तों से जल रहे जंगलों की भीषण आग पहली बारिश में काबू हुई है. साथ ही ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो रही है. इससे ठंड बढ़ गई है. किसानों को भी बारिश का इंतजार था क्योंकि बारिश नहीं होने से गेंहू की खेती में देरी हो रही थी. पहली बारिश से किसान भी खुश नजर आ रहे हैं.
गंगाजी को उनके शीतकालीन प्रवास मुखवा में पहुंचा दिया गया है. यमुनाजी के शीतकालीन प्रवास खरसाली में भारी बर्फबारी की वजह से पूरा कस्बा बर्फ की मोटी चादर में ढक गया है. सड़कों और वाहनों पर बर्फ पड़ी हुई है. हरियाणा में कई स्थानों पर ओले गिरने की वजह से नजारा शिमला जैसा हो गया था.
हिमाचल प्रदेश में भी रविवार सुबह से लाहुल-स्पीति, किन्नौर सहित चंबा, कांगड़ा, कुल्लू की पहाडि़यों पर बर्फबारी का क्रम शुरू हो गया, जबकि मैदानी इलाकों में बूंदाबांदी हुई. लाहुल-स्पीति प्रशासन ने मनाली-काजा मार्ग आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है. किन्नौर होते हुए काजा घाटी शिमला से जुड़ी रहेगी, लेकिन मनाली-काजा मार्ग अब अगले साल गर्मियों में ही बहाल होगा.
केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने से पहले जोरदार बर्फबारी हुई है. बर्फबारी से केदारनगरी सफेद हो गई. बर्फबारी से धाम में ठंड बढ़ गई है. वहीं गांगोत्री धाम में भी भारी बर्फ बारी हुई. यहां धाम के कपाट बंद होते ही अचानक मौसम बदला और बर्फबारी शुरू हो गई, जिससे समूची गंगा घाटी बर्फ से सफेद हो गयी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत केदारनाथ में ही फंसे हुए हैं.
केदारनाथ में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी केदारनाथ में ही फंसे हैं. दोनों मुख्यमंत्रियों को कपाट बंद होते ही 8:30 पर बद्रीनाथ के लिए उड़ना था. इस बर्फबारी में हेलीकॉप्टर का उड़ना संभव नहीं है. इसलिए मौसम सही होने का इंतजार किया जा रहा है.
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