‘पुराने जख्मों पर नमक’, नए शो ने बताए माल्या-नीरव मोदी और सुब्रत रॉय के राज


(अमन न्यूज़) करीब एक-एक घंटे के एपिसोड में विजय माल्या, नीरव मोदी और सुब्रत रॉय के फर्श से अर्श और वापस फर्श पर आने की कहानी को दिखाया गया है.



सपनों को पूरा करना हर किसी का मकसद होता है, हर कोई अपने सपनों को पूरा करने के लिए जान लगा देता है. लेकिन कई बार जब आप अपने सपनों को पूरा करने में लग जाते हो तो किसी दूसरे के साथ ज्यादती हो जाती है. नेटफ्लिक्स इंडिया डॉक्यूमेंट्री Bad Boy Billionaires India के साथ आया, जिसमें भारत के उन तीन अमीर उद्योगपतियों की कहानी है, जिन्होंने अपने उद्योग को आसमान की ऊंचाइयों पर पहुंचाया लेकिन इसके बदले में सिस्टम से धोखा कर बैठे. 

तीन एपिसोड की इस डॉक्यूमेंट्री में विजय माल्या, नीरव मोदी और सुब्रत रॉय सहारा की कहानी बताई गई है. तीनों एपिसोड को अलग-अलग डायरेक्टर ने बनाया है. एक एपिसोड अभी रिलीज़ नहीं हुआ है, जो कि सत्यम कंप्यूटर्स के आर. राजू पर आधारित है. 


5 अक्टूबर को रिलीज हुई इस डॉक्यू सीरीज़ के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े क्योंकि करीब एक महीने तक कोर्ट ने इसपर स्टे लगाया हुआ था. जिसका कारण कुछ याचिकाएं थीं. लेकिन अब जब स्टे के बाद ये डॉक्यूमेंट्री सामने आई हैं, तो इन्हें देखकर ऐसा कुछ नहीं लगता है जिससे कुछ बड़ा धमाका हुआ हो.

कैसी है नेटफ्लिक्स की ये डॉक्यू सीरीज़?
करीब एक-एक घंटे के एपिसोड में विजय माल्या, नीरव मोदी और सुब्रत रॉय के फर्श से अर्श और वापस फर्श पर आने की कहानी को दिखाया गया है. बस सुब्रत रॉय वाला एपिसोड थोड़ा लंबा है. किस ऐपिसोड में क्या खास है, संक्षिप्त में जानें...


विजय माल्या: The King of Good Times (Dir: Dylan Mohan Gray) 
अमीर कारोबारी का बेटा जिसने पिता के निधन के बाद काम संभाला और उसे अपने तरीके से आगे बढ़ाया. भारत में पब और शराब के कल्चर को फेमस किया, अपने पैसों से सबसे महंगी पार्टियां की, जिसमें बॉलीवुड का लगभग हर सेलेब्रिटी दिख रहा था. शौक पूरे करने के लिए सबकुछ खरीदा, बिजनेस बनाया. लेकिन 2005 के बाद लोन लेने की शुरुआत और 2008 की मंदी ने सबकुछ डुबा दिया, सबसे बड़ा कारण बना किंगफिशर एयरलाइंस. उसके बाद कोर्ट के चक्कर, लंदन में छुपते हुए रहना और एक सियासी मोहरा बन जाना.  

नीरव मोदी: Diamonds aren't Forever (Dir. Johanna Hamilton)
गुजरात के डायमंड का काम करने वाले परिवार से निकले नीरव मोदी ने अपना शुरुआती बिजनेस मामा मेहुल चोकसी से ही सीखा. लेकिन कुछ नया करने की चाह में देसी डायमंड ब्रांड में विदेशी तड़का लगाया और पहले देश, फिर विदेश में अलग-अलग जगह स्टोर खोले. यहां भी बॉलीवुड का पूरा तड़का था. लेकिन 2025 तक 100 स्टोर खोलने के लालच में पीएनबी की एक ब्रांच से फर्जी तरीके से लोन लेना और फिर देश का सबसे बड़ा भगोड़ा बन जाना, नीरव मोदी के लिए सबसे बुरा सपना साबित हुआ.


सुब्रत रॉय सहारा: The World's Biggest Family 
नेटफ्लिक्स ने सबसे अधिक जोर इस एपिसोड पर लगाया, क्योंकि सुब्रत रॉय का नाम सबसे बड़ा था और उनका असर भी बड़ी संख्या पर था. नीरव और विजय माल्या ने बैंकों को चूना लगाया तो सुब्रत रॉय ने करोड़ों गरीबों से चिटफंड के जरिए पैसा लिया और अपना साम्राज्य खड़ा किया. लेकिन इसी पैसे से कैसे वो एक स्कूटर से देश के सबसे बड़े ब्रांड बन जाते हैं. और फिर अपने जोश में सुप्रीम कोर्ट और देश की बड़ी संस्थाओं को गलत साबित करते हैं ये पूरी कहानी दिखाई गई है.

क्या नया और क्या धमाकेदार?
एक ऐसी डॉक्यूमेंट्री जो विवादों में रही हो और काफी मशक्कत के बाद रिलीज़ हुई हो तो उससे आप उम्मीद रखते हैं कि उसमें कुछ ऐसा होगा जो सबकुछ हिलाकर रख देगा. लेकिन इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है. हर एपिसोड में वही बातें दिखाई गई हैं जो करीब-करीब सबकुछ पब्लिक में हैं. बस अंतर ये रहा कि ये बातें उन लोगों के जरिए पता लगी हैं जो इन हस्तियों के साथ काम करते थे या उन्हें करीब से कवर किया था. 

इसी मोर्चे पर नेटफ्लिक्स सफल होता है. जिसे इन तीनों केस के बारे में नहीं पता होगा उसे काफी कुछ नया देखने को मिलेगा. लेकिन जो इन सब केस के बारे में जानता होगा, उसे फिर वो सभी पल जीने को मौका मिलेगा. और शायद जो जो जख्म बीते वक्त में इनके जरिए देश को मिले हैं उनपर फिर से नमक भी पड़ जाए.


 











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