(अमन न्यूज़)भारत के इतिहास में कई राजा-महाराजाओं का जिक्र मिलता है. हालांकि पिछले पांच दशकों में बहुत कुछ बदल गया है. 1971 में भारत के संविधान में हुए 26 वें संशोधन के साथ ही राजाओं को मिलने वाली विशेष उपाधियों और उन्हें मिलने वाले प्रिवी पर्स (महाराजाओं को मिलने वाले वित्तीय लाभ) को समाप्त कर दिया गया. इसके बाद शाही परिवारों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, अभी भी ऐसे कई शाही परिवार हैं जो नए जमाने में अपने पूर्वजों की तरह पूरे ठाठ से जीवन जी रहे हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ राजवंश परिवारों के बारे में.
महाराणा प्रताप का मेवाड़ राजवंश भारत में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित शाही वंशावली में से एक हैं. वर्तमान में, राणा श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ राजवंश के 76वें सरंक्षक हैं और उनका परिवार उदयपुर में रहता है. सभी शाही दर्जे के अलावा, पूरे राजस्थान में इस परिवार के हेरिटेज होटल, रिजॉर्ट और चैरिटी संस्थाएं हैं.
जयपुर का शाही परिवार राजपूतों के वंशज हैं, जिन्हें कछवाहा वंश के नाम से भी जाना जाता है. ये लोग प्रभु श्री राम के पुत्र कुश के वंश का होने का दावा करते हैं. महामहिम भवानी सिंह इनके अंतिम महाराजा थे. भवानी सिंह का कोई बेटा नहीं था इसलिए उन्होंने 2002 में उन्होंने अपनी बेटी के बड़े बेटे, पद्मनाभ सिंह को गोद लिया था. पद्मनाभ सिंह इस शाही परिवार की परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं. पद्मनाभ सिंह राष्ट्रीय स्तर के पोलो खिलाड़ी भी हैं.
वर्तमान में अभिमन्यु सिंह अलसीसर के शाही परिवार के प्रमुख और सोलहवें वंशज हैं. इन्हें खेत्री के राज्य पर शासन करने के लिए जाना जाता है. जयपुर और रणथंभौर में इनके भव्य महल हैं. इसके अलावा, इनका परिवार अपनी संपत्तियों पर कई होटल भी चला रहा है.
बदलते समय के साथ, कई शाही परिवारों ने अपने राजमहल को हेरिटेज होटलों में बदल दिया है लेकिन राजकोट के शाही परिवार ने अब तक ऐसा नहीं किया है. वर्तमान में युवराज मांधाता सिंह जडेजा इसके प्रमुख हैं. ये शाही परिवर अब बायो फ्यूल डेवलपमेंट और हाइड्रोपावर प्लांट में निवेश कर रहा है.
इस परिवार का इतिहास भगवान कृष्ण के यदुवंश से जुड़ा है. वर्तमान में मैसूर के इस राजघराने के राजा यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार हैं. ये शाही परिवार मशहूर रेशम ब्रांड द रॉयल सिल्क ऑफ मैसूर का मालिक है. इसे राजा यदुवीर के चाचा श्रीकांतदत्त ने शुरू किया था.
राठौड़ शासकों आठवीं शताब्दी के प्राचीन राजवंशों में से एक हैं. वर्तमान में, महाराजा गजसिंह द्वितीय इसके प्रमुख है. इस शाही परिवार के पास जोधपुर में काफी बड़ा घर है. इसके अलावा उम्मेद भवन और मेहरानगढ़ का किला भी इन्हीं का है.बीकानेर शहर पूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी थी. 1488 ईस्वी में राव बीका द्वारा इस शहर की स्थापना की गई थी. बीकानेर के वर्तमान शाही परिवार का नेतृत्व महाराजा रवि राज सिंह कर रहे हैं, जो बीकानेर के 25 वें महाराजा हैं.
बीकानेर शहर पूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी थी. 1488 ईस्वी में राव बीका द्वारा इस शहर की स्थापना की गई थी. बीकानेर के वर्तमान शाही परिवार का नेतृत्व महाराजा रवि राज सिंह कर रहे हैं, जो बीकानेर के 25 वें महाराजा हैं.गायकवाड़ राजघराने के मुखिया समरजीत सिंह गायकवाड़ हैं. मराठाओं के ये वंशज 18 वीं शताब्दी में बड़ौदा में आकर बस गए. वर्तमान शासक को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति विरासत में मिली थी, जिसमें लक्ष्मी विलास पैलेस भी शामिल है.
इस शाही परिवार को हर कोई जानता है. पटौदी राजवंश को पहले भारतीय शीर्ष टीम के प्रमुख और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी संभालते थे. इस परिवार की परंपरा अब बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान आगे बढ़ा रहे हैं.
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