वीडियो में एक पेज पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ नजर आ रहा है. साथ ही ऐसा दावा किया जा रहा है कि कुरान शरीफ में कोरोना वायरस का जिक्र है. यही वीडियो अब फेसबुक पर भी शेयर हो रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या रविवार को 85 लाख का आंकड़ा पार कर गई है. इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुरान शरीफ में कोरोना वायरस से जुड़ी भविष्यवाणी की गई है.
यह वीडियो शेरुद्दीन नाम के एक यूजर ने यूवीडियो ऐप पर शेयर किया है. वीडियो में एक पेज पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ नजर आ रहा है. साथ ही ऐसा दावा किया जा रहा है कि कुरान शरीफ में कोरोना वायरस का जिक्र है. यही वीडियो अब फेसबुक पर भी शेयर हो रहा है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (आहअ) ने पाया कि वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है. वीडियो में जो पेज खुला हुआ है, उसमें दरअसल कारून मूसा नामक एक व्यक्ति के बारे में लिखा है.
पोस्ट में नजर आ रहा है कि एक व्यक्ति अपनी उंगली से कागज पर अरबी भाषा में लिखी कुछ लाइनों की ओर इशारा कर रहा है. इस वीडियो में एक लड़की की आवाज में यह बात सुनाई पड़ती है, ‘कुरान शरीफ में है यह... कि एक बीमारी ऐसी आएगी जिसका नाम करोना होगा... और हम लोग हमेशा तैयार रहे, मजबूत रहे. और आप यह सोच रहे हैं कि हमें करोना से डरा लेंगे. देखिये, मौत आना होगी कहीं पे भी आ जाएगी, ठीक है. और हमें इस बीमारी से मत डराइये.’
यूवीडियो ऐप के वायरल वीडियो को खबर लिखे जाने तक तकरीबन 16.5 हजार लोग लाइक कर चुके थे. साथ ही, इसके तकरीबन दस हजार डाउनलोड्स भी हो चुके थे. इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इस वीडियो को बाद में फेसबुक पर उजाला हाशमी राइट्स जैसे कई यूजर्स ने शेयर किया.
पुराना ऑडियो, नया वीडियो
कीवर्ड सर्च के जरिये हमें पता लगा कि इस वीडियो में इस्तेमाल ऑडियो कुछ समय पहले वायरल हुए एक वीडियो से लिया गया है. यह वीडियो मार्च के महीने में अलग-अलग सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर वायरल हुआ था.
मंगेश जायसवाल नामक एक ट्विटर यूजर ने इसे मार्च 25, 2020 को ‘शाहीनबाग की शेरनियां’ कैप्शन के साथ शेयर किया था. वीडियो की लोकेशन देखकर ऐसा लगता है यह शाहीनबाग में हुए नागरिकता कानून प्रदर्शनों से जुड़ा हो सकता है, हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए. शाहीनबाग आंदोलन 14 दिसंबर, 2019 से 24 मार्च, 2020 तक चला था.
इस वीडियो में कुछ महिलाएं अपनी बात रख रही हैं. वीडियो की शुरुआत में चेहरे पर दुपट्टा बांधकर खड़ी एक लड़की ने जो बात कही है, ठीक वही बात यूवीडियो ऐप के वीडियो में भी सुनाई पड़ रही है.
क्या कहते हैं जानकार
दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के ‘डिपार्टमेंट ऑफ इस्लामिक स्टडीज’ के प्रोफेसर जुनैद हारिस को हमने यह वीडियो भेजा. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वीडियो में दिख रहा पेज कुरान शरीफ ग्रंथ का है. सवाल यह उठता है कि क्या वीडियो में दिख रहे पेज में कोरोना वायरस के बारे में कुछ कहा गया है?
जुनैद बताते हैं, ‘कुरान शरीफ के चैप्टर्स को अरबी भाषा में सूरह कहते हैं. वायरल हो रहे वीडियो में कुरान के सूरह नंबर 28 की आयत नंबर 76 दिख रही है.’ इस आयत में जो संदेश है, उसे प्रोफेसर जुनैद के भेजे गए इस स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है.
जिस कारून मूसा नामक व्यक्ति की बात वीडियो में दिख रही कुरान की आयत में हो रही है, उसका ताल्लुक मशहूर पैगम्बर मूसा के समुदाय से था. मूसा को अंग्रेजी में मोजेज के नाम से जाना जाता है. कारून मूसा बेहद पैसे वाला था, पर गरीबों पर दया नहीं करता था जिसके चलते अल्लाह उससे नाखुश थे.
क्या कुरान में कोरोना या महामारी का जिक्र है?
प्रोफेसर जुनैद इस सवाल के जवाब में कहते हैं, ‘कुरान शरीफ में कयामत का जिक्र है, यानी एक ऐसे दिन का, जब दुनिया खत्म हो जाएगी. ‘अगर हमने कुदरत को छेड़ा तो वह इंतकाम लेगी’ और ‘इलाज हमेशा डॉक्टर से ही करवाना चाहिए, झोलाछाप हकीमों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए’... इस किस्म की बातें भी कुरान में हैं. पर, कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली बीमारी के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.’
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है कि वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है. कुरान की जो आयत वीडियो में नजर आ रही है, उसमें कारून मूसा नामक एक व्यक्ति की बात है, न कि कोरोना वायरस की.
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