(अमन न्यूज़) भारत की सीमा पर एसएसबी तैनात है, लेकिन एसएसबी अपने दायरे में रह कर काम करती है. जबकि नेपाल आर्म्ड फोर्स को नेपाल सरकार ने खुली छूट दे रखी है. नेपाल सरकार की मंशा है कि भारत-नेपाल सीमा पर तनाव रहे ताकि मधेश के लोग भारत से दूर रहें. इसमें नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार सफल होती भी दिख रही है.
- नेपाल में नागरिकता कानून का भारी विरोध
- मधेशियों में नेपाल सरकार के खिलाफ रोष
नेपाल सरकार मधेश को भारत से अलग-थलग करने के लिए काफी दिनों से कोशिश कर रही है. कोरोना के इस संक्रमण काल में हुए लॉकडाउन ने नेपाल को अच्छा मौका भी दे दिया है. लॉकडाउन के बहाने नेपाल ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं और भारत-नेपाल की खुली सीमा पर आवाजाही पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. इन सब के बीच नेपाल ने भारत के साथ विवाद और बढ़ाने के लिए नया नक्शा जारी करते हुए भारत पर उसकी जमीन को कब्जा करने का आरोप लगाया. अब वह पुरानी सीमाओं पर भी नए-नए विवाद खड़ा कर रहा है. साथ ही नागरिकता कानून के तहत भारतीय महिलाओं की नेपाल में शादी करने पर 7 साल बाद नागरिकता देने की बात कर रहा है.
इन सभी बातों को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर जबरदस्त तनाव हो गया है. नेपाल की सीमा में कोई प्रवेश न करे, इसके लिए नेपाल की सरकार ने आर्म्ड पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया है. 12 जून को जिस तरह से सीतामढ़ी के सोनवर्षा से लगी सीमा पर नेपाली फोर्स एपीएफ ने अंधाधुंध फायरिंग कर एक भारतीय को मार डाला, उससे लोग काफी डरे हुए हैं. यहां तक कि कोई मवेशी चराने भी नेपाल सीमा में गलती से चला गया तो सुरक्षा बल उसकी पिटाई कर देते हैं. इसकी वजह से सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को भारी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है. भारत के कई लोगों की नेपाली क्षेत्र में दुकानें हैं, व्यवसाय है जो अभी बंद पड़ा है.
सबसे बड़ी दिक्कत रिश्तों को लेकर है. बिहार की सीमा से लगे लगभग 25 प्रतिशत लोगों का संबंध नेपाल से है. किसी कि शादी हुई है तो किसी की बेटी नेपाल में ब्याही गई है. ऐसे ही नेपाल के कई लोगों का संबंध बिहार में है. कोरोना और दोनों देशों के बीच तनाव ने इन रिश्तों पर गहरा असर डाला है.
बलुआ के इसरार ने बताया कि छह महीने पहले उनकी शादी हुई है लेकिन पत्नी नेपाल में है. बॉर्डर पर तनाव के चलते वे अपनी पत्नी से नहीं मिल पा रहे. उनके पांच भाइयों की शादी भी नेपाल में हुई है. इसी तरह रामदेव सहनी की दुकान नेपाल की तरफ बलुआ बांध के बगल में है लेकिन लॉकडाउन और दोनों देशों में तनाव के चलते उनकी दुकान नहीं खुल पा रही है. नेपाली आर्म्ड फोर्स किसी को नेपाल के अंदर आने नहीं देती है.
इधर भारत की सीमा पर एसएसबी तैनात है, लेकिन एसएसबी अपने दायरे में रह कर काम करती है. जबकि नेपाल आर्म्ड फोर्स को नेपाल सरकार ने खुली छूट दे रखी है. नेपाल सरकार की मंशा है कि भारत-नेपाल सीमा पर तनाव रहे ताकि मधेश के लोग भारत से दूर रहें. इसमें नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार सफल होती भी दिख रही है. हालांकि सीमा विवाद को लेकर नेपाल की जनता सरकार के साथ खड़ी है. नागरिकता कानून को लेकर नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ मधेश लोगों में जबरदस्त नाराजगी दिख रही है. जगह-जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं.
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