चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को चीन महत्व देता है और उम्मीद करता है कि भारत संयुक्त रूप से द्विपक्षीय संबंधों के दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करेगा.
- भारत और चीन के बीच बढ़ रहा है तनाव
- तनाव कम करने की कोशिश पर जोर: चीन
भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच चीन का कहना है कि वर्तमान में उसने किसी भी भारतीय सैनिक को हिरासत में नहीं लिया है. वहीं चीन का कहना है कि भारत के साथ तनाव को कम करने की कोशिश पर जोर दिया जा रहा है.
गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना के जरिए कुछ भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिए जाने की खबरों पर चीन ने सफाई दी है. चीन का कहना है कि वर्तमान में उसकी हिरासत में कोई भी भारतीय सैनिक नहीं है.
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गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनावपूर्ण गतिरोध पर सवालों का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, 'जहां तक मुझे पता है, वर्तमान में चीन ने किसी भी भारतीय सैनिक को हिरासत में नहीं लिया है.'
वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने किसी चीनी सैनिक को हिरासत में लिया है, इसके जवाब में झाओ लिजियन ने कहा, 'चीन और भारत राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से इस मामले को हल करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं. मेरे पास फिलहाल इसके लिए कोई जानकारी नहीं है.'
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झाओ लिजियन ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को चीन महत्व देता है और उम्मीद करता है कि भारत संयुक्त रूप से द्विपक्षीय संबंधों के दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करेगा. झाओ ने कहा कि चीन और भारत, राजनयिक और सैन्य तरीकों से तनाव को कम करने पर जोर दे रहे हैं.
अतिरिक्त जवानों की तैनाती
वहीं मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद 10 भारतीय जवानों को चीनी सेना ने गुरुवार शाम यानी झड़प के तीन दिन बाद छोड़ा. बंधक बनाए गए जवानों में दो सैन्य अफसर भी शामिल थे. वहीं 10 भारतीय जवानों की वापसी के बाद भी गलवान घाटी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के पास दोनों देशों की ओर से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है.
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