(अमन न्यूज़) बीते दिनों वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया था.
- पहले रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 थी
- रिटर्न दाखिल करने की नई समयसीमा 30 नवंबर 2020 है
मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने वाले सुधीर कुमार इन दिनों चिंतित हैं. दरअसल, सुधीर के इनकम पर टैक्स कट गया है और उन्हें अब रिफंड के लिए क्लेम करना है. सुधीर को आशंका है कि उन्हें रिफंड मिलने में देरी होगी.
सुधीर को ये चिंता इसलिए हुई है क्योंकि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ा दी है. आपको बता दें कि पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 थी, जो अब बढ़कर 30 नवंबर 2020 हो गई है. ऐसे में सुधीर को आशंका है कि उसे रिफंड के लिए साल के अंत तक का इंतजार करना पड़ सकता है. सवाल है कि क्या सच में रिफंड मिलने में देरी होगी. इसके साथ ही जल्द रिफंड के लिए क्या करना चाहिए. आइए, इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
अब क्या होगा आपके रिफंड का?
अगर आपकी इनकम में से टैक्स कट गया है तो भी रिफंड मिलने में देरी नहीं होगी. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप क्लेम जल्द से जल्द करें. दरअसल, सरकार ने बीते दिनों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आदेश दिया था कि 5 लाख रुपये तक के टैक्स रिफंड जल्द से जल्द लौटाया जाए.
कोरोना संकट काल की वजह से सरकार ने रिफंड को जल्द लौटाने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से लाखों टैक्सपेयर्स की चिंता दूर हो गई है. हालांकि, जब तक आप क्लेम नहीं करेंगे, रिफंड नहीं मिलेगा. कहने का मतलब ये है कि जल्द क्लेम कीजिए और रिफंड पाइए.
बीते दिनों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान जारी कर टैक्सपेयर्स को कहा था कि बैंक खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें. इससे रिफंड मिलने में देरी नहीं होगी. इसके मुताबिक अगर आपका कोई रिफंड बनता है तो वह आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के जरिए मिल जाएगा. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट हो. आप ऑनलाइन भी बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करा सकते हैं.
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