कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच अमेरिका ने स्थगित किया


(अमन  न्यूज़) कोरोनावायरस पर बढ़ते कहर के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के विशेष शिखर सम्मेलन को स्थगित कर दिया है। वॉयस ऑफ अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय नोवेल कोरोनवायरस को हराने के लिए एकसाथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आसियान सहयोगियों के साथ मिलकर आसियान नेताओं की बैठक जो मध्य मार्च में निर्धारित थी उसे स्थगित करने का कठिन निर्णय लिया है अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के राष्ट्रों के साथ हमारे संबंधों को महत्व देता है और भविष्य की बैठकों के लिए तत्पर है। शिखर सम्मेलन मार्च के दूसरे सप्ताह में लास वेगास में आयोजित होने वाला था। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और आसियान देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठकों की योजना बनाई गई थी। आसियान शिखर सम्मेलन के स्थगित होने पर यूएस-आसियान बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष, एलिजाबेथ दुगन ने कहा कि अमेरिकी व्यापार समुदाय आसियान के नेताओं के लिए और अमेरिकी सरकार के लिए इंडो-पैसिफिक रणनीति से संबंधित है। दुगन ने कहा कि संगठन इस महत्वपूर्ण संबंधों की सफलता को बाद की तारीख में सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका और आसियान नेतृत्व के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है। बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से दुनिया भर में कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। कोरोनावायरस से अभीतक चीन में  2,835 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और दुनिया भर में इस वायरस से 84,500 से अधिक लोग संक्रमित हैं। कोरोनावायरस अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, इटली, फ्रांस, रूस, स्पेन और भारत सहित 50 से अधिक देशों में फैल गया है।


जानिए क्यों बना और क्या करता है यह संगठन


आर्थिक-सामाजिक विकास के साथ सांस्कृतिक संबंधों में मजबूती के लिए आठ अगस्त 1967 को दक्षिण-पूर्व एशिया के पांच देशों इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने मिलकर एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) की स्थापना की गई थी। पिछले 50 सालों के दौरान न सिर्फ यह संगठन आकार में बड़ा हुआ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी इसका असर भी बढ़ा है। ब्रुनई, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार और लाओस को मिलाकर इसके सदस्य देशों की संख्या 10 हो गई है। 

आसियान प्लस
वर्ष 1977 के एशियाई आर्थिक संकट के दौरान थाईलैंड में हुई बैठक में इस संगठन में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया को मिलाकर आसियान प्लस नामक मंच का गठन किया गया। बाद में ईस्ट एशिया समिट के बैनर तले भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को भी इसमें शामिल कर लिया गया। इस तरह आसियान प्लस नामक मंच अस्तित्व में आया। वर्ष 2011 में छठे ईस्ट एशिया समिट में आसियान को और विस्तार देते हुए इसमें अमेरिका और रूस को भी शामिल कर लिया गया। 

दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
आसियान देशों का क्षेत्रफल 44 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो धरती के क्षेत्रफल का तीन फीसदी है। इसके सदस्य देशों की कुल आबादी 64 करोड़ है जो दुनिया की कुल आबादी का 8.8 फीसदी है। वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार इन देशों की सम्मिलित जीडीपी 2.8 लाख करोड़ डॉलर है। इस लिहाज से यह अमेरिका, चीन, जापान, फ्रांस, और जर्मनी के बाद सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 

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