(अमन न्यूज़) टैक्सपेयर्स को सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े विवाद सुलझाने के लिए 15 जनवरी तक का मौका मिला है. दरअसल, केंद्र सरकार ने 'सबका विश्वास' योजना की डेडलाइन बढ़ा दी है. बीते 1 सितंबर से लागू यह योजना 31 दिसंबर तक के लिए खुली थी लेकिन अब अतिरिक्त 15 दिन का समय दिया गया है.
सरकारी बयान के मुताबिक, ''टैक्सपेयर्स की योजना के प्रति प्रतिक्रिया को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी समाप्ति अवधि 15 दिन के लिए बढ़ा दी है. अब यह योजना 15 जनवरी 2020 तक खुली रहेगी. टैक्सपेयर्स की रुचि को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.'' जिन टैक्सपेयर्स ने इस योजना को अपनाया है उन्होंने लंबित विवादों को निपटाने के लिये 30,627 करोड़ रुपये का टैक्स देने की प्रतिबद्धता जताई है.
बजट में योजना का हुआ था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019- 20 के बजट में 'सबका विश्वास' योजना की घोषणा की थी. यह योजना सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने विवादित मामलों को निपटाने के लिए लाई गई थी. इसके तहत योग्य व्यक्तियों को एकबारगी मौका दिया गया है कि वह अपने उचित टैक्स की घोषणा करें और प्रावधानों के अनुरूप उनका भुगतान करें. वित्त मंत्रालय के मुताबिक विभिन्न अर्धन्यायिक मंचों, अपीलीय न्यायाधिकरणों और न्यायिक मंचों के तहत सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के कुल मिलाकर 3.6 लाख करोड़ रुपये की देनदारी वाले 1.83 लाख मामले लंबित हैं.
1.84 लाख टैक्सपेयर्स लाभ उठाने के पात्र
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना का लाभ उठाने के पात्र इन 1.84 लाख टैक्सपेयर्स में से 31 दिसंबर 2019 की सुबह तक 1,33,661 टैक्सपेयर्स ने आवेदन जमा कराये हैं. आवेदन करने वाले इन टैक्सपेयर्स पर 69,550 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है. योजना के तहत राहत पाने के बाद इन्हें 30,627 करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान करना होगा.
वित्त मंत्रालय का कहना है कि सबका विश्वास योजना को टैक्सपेयर्स ने अब तक की सबसे फायदे वाली योजना के तौर पर माना है. सरकार ने अब तक ऐसी जितनी भी योजनाओं की घोषणा की उनमें यह सबसे ज्यादा पसंद की गई. सरकार ने योजना में टैक्सपेयर्स के बीच भारी रुचि को देखते हुए कहा है कि पात्र टैक्सपेयर्स योजना का लाभ उठाने से पीछे नहीं रहेंगे और जल्द से जल्द आवेदन करेंगे ताकि उन्हें तय राहत और माफी का फायदा मिल सके.
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