(अमन न्यूज़) साल 2019 का अंतिम दिन भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक खबर देकर गया. देश के प्रमुख आठ उद्योगों के उत्पादन में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है. नवंबर महीने में कोर इंडस्ट्रीज के उत्पादन में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है. कच्चे तेल, कोयला उत्पादन और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट की वजह से कोर इंडस्ट्रीज के लिए यह खराब आंकड़ा सामने आया है.
गौरतलब है कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं. देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ कोर इंडस्ट्रीज का वेटेज 40.27 फीसदी होता है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में इन कोर इंडस्ट्रीज का उत्पादन सुस्त ही रहा है.
किस उद्योग के उत्पादन में कितनी गिरावट
नवंबर 2019 में कोयला उत्पादन में 2.5 फीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल से नवंबर के बीच कोयला उत्पादन सूचकांक में 5.3 फीसदी की गिरावट आई है. कच्चे तेल के उत्पादन में नवंबर 2019 में 6 फीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल से नवंबर के छह महीने के दौरान इसमें 5.9 फीसदी की गिरावट आई है.
नवंबर महीने में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 6.4 फीसदी की गिरावट आई है. इस वित्त वर्ष के छह महीने के दौरान प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 3.1 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह, स्टील के उत्पादन में 3.7 फीसदी और बिजली के उत्पादन में 5.7 फीसदी की गिरावट आई है.
नवंबर महीने में पेट्रोलियम रिफाइनरी के उत्पादन में 3.1 फीसदी की बढ़त हुई है. इसी प्रकार उर्वरक के उत्पादन में 13.6 फीसदी और सीमेंट के उत्पादन में 4.1 फीसदी की बढ़त हुई है.
नकारात्मक खबरों का साल
गौरतलब है कि साल 2019 में देश की अर्थव्यवस्था में लगातार नकारात्मक खबरें आई हैं. इसके पहले अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में भी आठ कोर सेक्टर के उत्पादन में गिरावट आई थी. अक्टूबर में कोर सेक्टर के उत्पादन में 5.8 फीसदी की गिरावट आई है.
वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है. जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है.
सितंबर में लगातार छठी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों में गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई.
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