2020 में कांग्रेस-BJP को मिलेगा सेनापति, पार्टी को आगे ले जाने की होगी चुनौती

(अमन न्यूज़)     देश की कांग्रेस और बीजेपी दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को साल 2020 में अपना-अपना नया और पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल सकता है. ऐसे में दोनों पार्टियों के नए सेनापतियों के सामने अपनी-अपनी पार्टी को आगे ले जाने की चुनौती होगी. लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी को कार्यवाहक अध्यक्ष तो कांग्रेस को अंतरिम अध्यक्ष संभाल रहे हैं, लेकिन इस साल दोनों पार्टियों के पूर्णकालिक सेनापति के नाम पर मुहर लग जाएगी.


बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी. ऐसे ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गृहमंत्री बन गए, जिसके चलते पार्टी की कमान जेपी नड्डा को सौंपी गई और उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि इस साल दोनों पार्टियों के अपने-अपने पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल जाएंगे.



सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस बेहतर करने की ओर कदम बढ़ा चुकी है, लेकिन अब राहुल गांधी को दोबारा से अध्यक्ष बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. ऐसे में अब राहुल गांधी दोबारा से कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उनके लिए खुद को साबित करने का यह आखिरी मौका हो सकता है. ऐसे में राहुल के सामने कम समय में पार्टी को आगे ले जाने की बड़ी चुनौती होगी. कांग्रेस नेताओं की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बनें या फिर कोई और, लेकिन वो पार्टी के खोए हुए जनाधार को वापस लाने की क्षमता रखता हो और पार्टी एक ठोस व साफ रणनीति के साथ आगे के रोडमैप बना सके.


वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गृहमंत्री बने तब उनकी जगह पार्टी ने जेपी नड्डा को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी. बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है अब नए साल में पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल सकता है. हालांकि माना जा रहा है कि जेपी नड्डा को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.


बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर जिसकी भी ताजपोशी होगी, उसे पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के रहते हुए पार्टी को उनके ही नक्शे कदम पर ही आगे बढ़ाने की चुनौती होगी. बीजेपी के नए अध्यक्ष की पहली परीक्षा दिल्ली और बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में असल परीक्षा होगी. साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में दबदबा बनाए रखने के लिए दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे बीजेपी के लिए काफी अहम होंगे.


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