JNU में अब 'हॉस्टल की आजादी' पर खतरा


 




(अमन न्यूज़)  कि नये ड्राफ्ट के अनुसार हॉस्टल नियम सख्त पहले से सख्त होने वाले हैं. जेएनयू वाइस चांसलर प्रो एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने ये नये नियम तैयार किए है. ये हॉस्टल नियम कुल 132 पन्नों पर हैं. ड्राफ्ट के प्रस्ताव को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में पास भी करा लिया गया है, अभी इस पर छात्रों की राय बाकी है, जिस पर जेएनयू में स्टूडेंट आपत्ति जता रहे हैं.




 




नये नियमों के अनुसार अब लड़कियां लड़कों के हॉस्टल में कमरों तक नहीं जा सकेंगी. अगर कोई छात्रा लड़को के हॉस्टल में पाई जाती है तो जुर्माने के साथ साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. नये नियमों के ड्राफ्ट में हॉस्टल आवंटन, ठहरने, छुट्टी, खाना पीना, गुणवत्ता से लेकर ऑडिट भी शामिल है. इससे पहले 2005 में हॉस्टल नियमों में बदलाव किया गया था. बता दें कि जेएनयू में कुल 18 हॉस्टल हैं, इसमें आठ पुरुष और पांच महिला और पांच अन्य हॉस्टल हैं. जेएनयू ने अपने सभी स्टेक होल्डर से 18 अक्टूबर तक इस पर सुझाव मांगे हैं. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में उपलब्ध हॉस्टलों में अब आजादी पर खतरा मंडरा रहा है. जेएनयू का छात्रसंघ अब इसके सीधे विरोध में उतर रहा है. देश के दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह जेएनयू में भी 11.30 बजे के बाद हॉस्टल एंट्री पर बैन लगने वाला है. यहां मेस में ड्रेस पहनने को लेकर भी नियम बदलने वाला है. विश्‍वविद्यालय प्रबंधन की ओर से तैयार हॉस्टल नियमों के नये ड्राफ्ट के बाद विरोध भी शुरू हो गया है. आइए जानें- इस ड्राफ्ट के अनुसार क्या होंगे बदलाव और क्यों हो रहा विरोध.




 


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