नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के जरिए जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म करते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. मोदी सरकार के इस कदम के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में बुरी तरह घिर गए हैं. जम्मू-कश्मीर पर भारतीय नेतृत्व के फैसले पर आगे की रणनीति तय करने के लिए पाकिस्तान की संसद में मंगलवार को संयुक्त सत्र बुलाया गया था. संसद में जब प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर मुद्दे पर उठे सवालों का जवाब दे रहे थे तो उनके हाव-भाव में झल्लाहट साफ नजर आई.संसद में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ के सवालों का जवाब देते हुए इमरान ने अपना आपा खो दिया. उन्होंने विपक्ष से सलाह मांगते हुए कहा कि आप ही बताएं कि कश्मीर में भारतीय कार्रवाई के जवाब में उनकी सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए. इमरान ने कहा, आखिर मैंने कौन सा कदम नहीं उठाया है, हमारा विदेश मंत्रालय तमाम देशों के राजदूतों के साथ बैठक कर रहा है. मैं दूसरे देशों के साथ भी संपर्क कर रहा हूं. अंतरराष्ट्रीय मंच से भी मदद मांग रहे हैं. शरीफ बताएं कि अब मुझे और क्या करना चाहिए? इमरान ने आगे कहा, हम संयुक्त राष्ट्र में सालों से गुहार लगा रहे हैं, हमने इस्लामिक सहयोग संगठन से भी कल बात की. कौन सी चीज है जो मैंने नहीं की, जो विपक्ष हमें ललकार रहा है. हम क्या हिंदुस्तान पर हमला कर दें?पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार तमाम पड़ोसी देशों के साथ अच्छे ताल्लुकात चाहती थी इसीलिए उन्होंने अफगानिस्तान, ईरान और भारत से संवाद करने की कोशिश की. इमरान ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने हमारी बात समझने के बजाय चुनाव में फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ बयान दिए.युद्ध की चेतावनी देते हुए इमरान ने आगे कहा, अगर पारंपरिक युद्ध होता है तो दो नतीजे हो सकते हैं. युद्ध हमारे खिलाफ जा सकता है या हमारे हक में हो सकता है. अगर युद्ध हमारे खिलाफ जाता है तो एक रास्ता होगा कि हम हाथ खड़े कर हार मान लें और दूसरा रास्ता होगा- टीपू सुल्तान की तरह खून के आखिरी कतरे तक मुकाबला करें. अगर हम आखिरी कतरे तक लड़ते हैं तो फिर इस जंग को कोई नहीं जीत पाएगा. सब हार जाएंगे. उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. मैं परमाणु युद्ध की धमकी नहीं दे रहा हूं. मैं सामान्य समझ की अपील कर रहा हूं. अच्छे की उम्मीद करिए लेकिन सबसे खराब परिस्थिति के लिए भी तैयार रहिए.इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार ने कश्मीर में जो कुछ किया, वह उनकी विचारधारा के अनुरूप है. मोदी सरकार आरएसएस के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रही है. उनकी नस्लवादी विचारधारा है.इमरान के अमेरिकी दौरे पर उठे सवालों के जवाब में इमरान ने कहा कि जब भारत से द्विपक्षीय वार्ता की सारी कोशिशें असफल हो गईं तो हमने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले में हस्तक्षेप करने की मांग की. इमरान ने कहा, बीजेपी के एक कानून बदल देने से कश्मीरियों का सालों से चला आ रहा प्रतिरोध खत्म नहीं हो जाएगा, बल्कि यह और भी गंभीर हो जाएगा.
होंगे और पुलवामा हमले
भारत अब कश्मीरी लोगों पर और जुल्म ढाएगा. वे अपने सैन्य बल की ताकत से कश्मीरियों के प्रतिरोध का दमन करने की कोशिश करेंगे. मुझे डर है कि वे कश्मीर में स्थानीय आबादी का नामोनिशान मिटा देना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में पुलवामा जैसे हमले फिर से हो सकते हैं. उसके बाद वे हमें दोषी ठहराने की कोशिश करेंगे. वे हम पर फिर से हमला करेंगे और हम भी जवाब देंगे.
- विपक्षी दल के नेता शरीफ ने इमरान के भाषण के बाद जवाब दिया कि उन्हें युद्ध छेड़ने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें मजबूती से अपना पक्ष रखना चाहिए. उन्होंने कहा, आप कश्मीर को एक संदेश दें कि हम तुम्हारे साथ हैं और तुम्हारा कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता है.विपक्षी दल के नेता शाहबाज शरीफ ने इमरान खान की सरकार से कश्मीर पर भारत के फैसले का जवाब देने की मांग की. उन्होंने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि हमें अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने चाहिए. हम भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े और नतीजे सबके सामने हैं...हम दोस्ताना रिश्ता चाहते हैं लेकिन आत्मसम्मान के साथ.विपक्षी दल के नेता ने सवाल किया, क्या ये हमारी सामूहिक असफलता नहीं है? हमें पता ही नहीं था कि भारत सरकार क्या सोच रही थी. हम पाकिस्तान के लिए एक साथ खड़े हैं लेकिन यह एकता बिना आत्मनिरीक्षण के बिना नहीं आएगी. हमारे पास दो विकल्प है- या तो हम छिप जाएं या फिर हम कुछ ठोस फैसला करें. छिपना कोई विकल्प नहीं है इसलिए हमें कोई फैसला लेना होगा.
Comments