चंद्रमा के बारे में पता लगाने के लिए चंद्रयान-2 ने सोमवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शान के साथ रवाना हुआ। जोकि भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। चंद्रयान-2 2 बज के 45 मिनट पर लॉन्च हुआ, पहले यह लॉन्च 15 जुलाई को होने वाला था पर तकनीकी चीजों की वजह से टाल दिया गया था। अंतरिक्ष में भारत की यह बहुत बड़ी उड़ान है। पहली बार एक यान जो कि चंद्रमा के दक्षिण में उतरेगा।
चंद्रभान पहला भारत का अंतरिक्ष यान है जो कि चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रमा की तरफ भेजा गया था। यह यान 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रमा पर भेजा गया था और 28 अगस्त 2009 तक रहा इसे चंद्रमा तक पहुंचाने में 5 दिन लगे पर स्थापित करने में 25 दिन लगे। यह यहान (पोलर सैटलाइट लॉन्च वेहिकल पी एस एल वी) के संस्करण वाले रॉकेट की मदद से भेजा गया था। इसका मुख्य कारण था चंद्रमा की विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना इसलिए चंद्रयान भेजा गया था। पहला चंद्रयान ने 200 किलोमीटर ऊपर 525 क्रिग्रा को एक सेटेलाइट में स्थापित किया। इस सेटेलाइट ने अपने रिमोट सेसिंग द्वारा इक्विपमेंट कि मदद से ऊपरी सतह कि तस्वीरें भेजी। इस मिसन के संचालक भारतीय अंतरिक्ष असुसंधान संगठन थे । चंद्रयान के साथ भारत चांद को यान भेजने वाला छठा देश बन गया इस काम के बाद चंद्रमा और मंगल ग्रह पर इंसान के साथ विमान भेजने के लिए रास्ता खुला। पहले इसका नाम मात्र चंद्रयान था पर चंद्रयान 2 जो कि 22 जुलाई 2019 में लॉन्च होने की वजह से इसका नाम चंद्रयान ही रखा।
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